छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर टकराव के बीच सरकार की बड़ी कार्रवाई, तुंहर टोकन एप से किसानों को मिली राहत

छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बीच जारी सोसाइटी प्रबंधकों और कंप्यूटर ऑपरेटरों की हड़ताल से पैदा हुए संकट पर सरकार ने आंशिक तौर पर काबू पा लिया है। गुरुवार तक करीब दो लाख किसानों ने ‘तुंहर टोकन’ ऐप डाउनलोड कर लिया, वहीं 18 हजार किसानों को टोकन जारी भी हो चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पहले ही दिन 3,500 टन धान खरीदी की बुकिंग पूरी हो गई। हालांकि सहकारी सोसाइटी कर्मचारी संघ अभी भी अपनी मांगों पर अडिग है और साफ कहा है कि मांगें मानने तक हड़ताल जारी रहेगी।
सोसाइटी कर्मचारियों की हड़ताल से बिगड़ी तैयारी, सरकार ने बनाई वैकल्पिक योजना
कई वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ है कि धान खरीदी शुरू होने से पहले ही सोसाइटी प्रबंधक, खरीदी प्रभारी और ऑपरेटर हड़ताल पर चले गए। इससे खरीदी की तैयारियों पर असर पड़ा है। इसके बावजूद सरकार ने दावा किया है कि हड़तालियों की जगह अब सरकारी विभागों के कर्मचारी और अधिकारी खरीदी कार्य में तैनात किए जा रहे हैं, ताकि प्रक्रिया बाधित न हो।
अब पटवारियों ने भी जताया विरोध, खरीदी ड्यूटी से इंकार
सोसाइटी कर्मचारियों की हड़ताल के बीच सरकार ने अन्य विभागों के कर्मचारियों को तैनात करने की प्रक्रिया शुरू की, तो अब राजस्व विभाग के पटवारी भी धान खरीदी ड्यूटी से पीछे हट गए हैं।
पटवारी संघ ने भू-अभिलेख आयुक्त को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें इस कार्य से मुक्त रखा जाए। उनका कहना है कि धान खरीदी प्रक्रिया की उन्हें विशेषज्ञ जानकारी नहीं होती, इसलिए खरीदी केंद्रों में प्रबंधक या प्रभारी की जिम्मेदारी निभाना व्यावहारिक नहीं है।
किसानों को परेशानी न हो—सीएम साय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आश्वस्त किया कि 15 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी में किसानों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने सभी कलेक्टरों और विभागों को निर्देश दिए कि खरीदी केंद्रों में आवश्यक सुविधाएं— बारदाना, फड़ और चबूतरा, पीने का पानी, छायादार बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएं। सरकार ने इस बार 2739 उपार्जन केंद्र तैयार किए हैं, जहां धान खरीदी के साथ-साथ उठाव की व्यवस्था भी की जाएगी।



