धान खरीदी सीजन में बड़ा एक्शन: बलौदाबाजार में हड़ताली 13 कर्मचारी बर्खास्त, 3 पर FIR की तैयारी

जैसे ही छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में धान खरीदी सीजन की शुरुआत हुई, सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी। कई दौर की समझाइश के बावजूद जब कर्मचारी काम पर नहीं लौटे और धान खरीदी में सहयोग करने से इंकार करते रहे, तो प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए सख्त कार्रवाई शुरू कर दी।
ESMA के तहत 13 कर्मचारी बर्खास्त
अति आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (ESMA) लागू करते हुए जिला प्रशासन ने कुल 13 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। इसके अलावा 3 कर्मचारियों पर FIR दर्ज कराने का प्रस्ताव संबंधित शाखा प्रबंधक को भेजा गया है।
हड़ताल के कारण टोकन कटाई, तौल और उठाव जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाएँ बाधित हो रही थीं, जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
प्रशासन का स्पष्ट संदेश— “धान खरीदी में बाधा बर्दाश्त नहीं”
जिला प्रशासन ने कहा कि किसानों की सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उपार्जन कार्य को सुचारू रखने और किसी भी अव्यवस्था को रोकने के लिए हड़ताल करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई अनिवार्य है।
जिला खाद्य अधिकारी ने स्थिति की गंभीरता देखते हुए इन कर्मचारियों को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया।
बर्खास्त किए गए कर्मचारियों की सूची
सिमगा विकासखंड
मंजुला शर्मा — प्रबंधक, सिमगा समिति
राकेश कुमार टंडन — प्रबंधक, खोखली समिति
मूलचंद वर्मा — प्रबंधक, धुर्रा बांधा समिति
धर्मेन्द्र साहू — प्रबंधक, रोहांसी समिति
रामकुमार साहू — प्रबंधक, तिल्दा समिति
कसडोल विकासखंड
नन्द कुमार पटेल — विक्रेता, गिरौद
गोकुल प्रसाद साहू — विक्रेता, हसुआ
ललित साहू — विक्रेता, थरगांव
रामस्वरूप यादव — विक्रेता, कटगी
खेलसिंग कैवर्त्य — विक्रेता, चिखली
अमित साहू — विक्रेता, कोसमसरा
भीम साहू — विक्रेता, सरखोर
रविकमल — विक्रेता, लवन
तीन कर्मचारियों पर होगी FIR
हड़ताल के दौरान सक्रिय रूप से धान खरीदी कार्य बाधित करने के आरोप में 3 कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की तैयारी की गई है। इनके नाम हैं—
राजेंद्र चंद्राकर — प्रभारी प्रबंधक, समिति कोनारी
बीरेंद्र साहू — कंप्यूटर ऑपरेटर, समिति रोहरा
टीका राम वर्मा — विक्रेता, समिति रिसदा
प्रशासन की कड़ी चेतावनी
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि धान खरीदी जैसे आवश्यक सेवाओं में हड़ताल या लापरवाही को गंभीर अपराध माना जाएगा।
किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए आगे भी कठोर कदम उठाए जाते रहेंगे।



