2019 में भर्ती हुए 14,580 शिक्षकों को मिलेगी ज्वाइनिंग से पूर्ण वेतन, हाईकोर्ट ने स्टाइपेंड नियम किया रद्द

छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग के तहत वर्ष 2019 में चयनित 14,580 शिक्षकों के लिए बड़ा फैसला आया है। हाईकोर्ट ने शासन द्वारा 2020 में लागू किए गए उस नियम को अवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया है, जिसमें शिक्षकों को नियुक्ति के बाद 3 साल तक पूर्ण वेतन के बजाय 70%, 80% और 90% स्टाइपेंड देने का प्रावधान था। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब सभी चयनित शिक्षकों को उनकी ज्वाइनिंग तिथि से पूर्ण वेतन दिया जाएगा।
भर्ती विज्ञापन में नहीं था स्टाइपेंड का उल्लेख
2019 में सहायक शिक्षक, शिक्षक, सहायक शिक्षक (विज्ञान) और व्याख्याता के कुल 14,580 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इसके बाद हजारों अभ्यर्थियों ने आवेदन किया, जिनमें कई पहले से अन्य विभागों में कार्यरत कर्मचारी भी शामिल थे।
लेकिन 2020 में नियुक्तियों के दौरान सरकार ने नया आदेश जारी कर दिया, जिसमें पूर्ण वेतन हटाकर स्टाइपेंड की व्यवस्था लागू कर दी गई। अभ्यर्थियों ने इसे विज्ञापन की शर्तों के खिलाफ बताते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी।
हाईकोर्ट ने दिया 61 पेज का विस्तृत फैसला
सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि 2019 के विज्ञापन में स्टाइपेंड से संबंधित कोई नियम नहीं था, इसलिए बाद में बनाए गए प्रावधान को इस भर्ती पर लागू नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने अपने 61 पृष्ठों के फैसले में स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी चयनित शिक्षकों को ज्वाइनिंग तिथि से पूरा वेतन और एरियर दिया जाए।
दूसरे विभागों से आए शिक्षकों को मिलेगा पे प्रोटेक्शन
कोर्ट ने यह भी कहा कि अन्य विभागों से इस्तीफा देकर शिक्षा विभाग में शामिल हुए शिक्षकों को FR 22-B(1) के तहत पे प्रोटेक्शन मिलेगा। इससे उनकी पुरानी नौकरी की सैलरी सुरक्षित रहेगी और वित्तीय नुकसान नहीं होगा।



