सरदार पटेल की 150वीं जयंती: नागपुर में यूनिटी मार्च, छत्तीसगढ़ के 68 युवा राष्ट्रीय पदयात्रा के लिए रवाना

देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुजरात में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय पदयात्रा में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ के 68 युवाओं के दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये युवा करमसद से केवड़िया तक आयोजित होने वाली यात्रा में हिस्सा लेंगे।
सीएम साय ने दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री साय ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे “एकता यात्रा में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं, आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। यात्रा को सफल बनाकर प्रदेश का नाम रोशन करें।” उन्होंने बताया कि सरदार पटेल ने 562 रियासतों को एकजुट कर भारत को एक सूत्र में पिरोया। उनका जन्म दिवस 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
150वीं जयंती पर देशभर में कार्यक्रम
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि इस वर्ष 150वीं जयंती होने के कारण कई विशेष आयोजन देशभर में हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में 10 नवंबर को छत्तीसगढ़ दिवस पर गुजरात में सांस्कृतिक कार्यक्रम और राज्य के व्यंजनों की प्रदर्शनी आयोजित की गई। इसके साथ ही प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 15 दिनों तक “भारत पर्व” भी मनाया गया, जिसमें कई राज्यों ने भाग लिया।
डिप्टी सीएम के साथ पूरी करेंगे राष्ट्रीय यात्रा
राष्ट्रीय पदयात्रा 26 नवंबर से 6 दिसंबर तक आयोजित होगी। सीएम साय ने बताया कि इस दौरान देश के कई जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे, जो छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी उपमुख्यमंत्री अरुण साव के साथ यात्रा में शामिल रहेंगे। आने वाले दिनों में यात्रा की विस्तृत तारीख और कार्यक्रम जारी किया जाएगा।
युवाओं की भूमिका और पटेल का योगदान
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरदार पटेल की दृढ़ इच्छाशक्ति और अदम्य प्रयासों ने भारत को एकजुट किया। छत्तीसगढ़ से भेजे गए ये युवा करमसद से केवड़िया तक यात्रा में हिस्सा लेकर उनके योगदान को देशभर में याद करेंगे।
केवड़िया में दिखी सांस्कृतिक एकता
सीएम साय ने हाल ही में केवड़िया में आयोजित “भारत पर्व” में भाग लिया था। उन्होंने बताया कि वहां स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के दर्शन किए और पूरे भारत की सांस्कृतिक एकता की अनोखी झलक देखी। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और व्यंजनों का भी प्रदर्शन किया गया।



