
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मेडिकल पीजी प्रवेश प्रक्रिया को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने प्रवेश प्रक्रिया को निरस्त करते हुए याचिकाकर्ताओं के पक्ष में आदेश दिया है और राज्य सरकार को नए सिरे से काउंसलिंग कराने के निर्देश दिए हैं। इस फैसले से सभी प्रभावित उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा।
सेवारत श्रेणी में अपात्र उम्मीदवारों को शामिल करने पर उठे सवाल
मामला हाईकोर्ट तब पहुंचा जब याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सेवारत श्रेणी में अपात्र उम्मीदवारों को शामिल कर लिया गया था। उन्होंने सेवा अवधि की गणना में गड़बड़ी और कट-ऑफ तारीख के उल्लंघन का भी आरोप लगाया था। शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर यह मामला अदालत में गया, जहां हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने पूरी प्रवेश प्रक्रिया को अवैध मानते हुए इसे रद्द कर दिया।
नए सिरे से होगी मेडिकल पीजी काउंसलिंग
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब मेडिकल पीजी प्रवेश के लिए दोबारा काउंसलिंग कराई जाएगी। अदालत के इस आदेश से उन उम्मीदवारों को राहत मिली है जो प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितताओं के कारण प्रभावित हुए थे।
अब देखना होगा कि राज्य सरकार इस आदेश को कैसे लागू करती है और नए नियमों के तहत कब तक पुनः काउंसलिंग आयोजित की जाती है।