बलौदाबाजार में सिंचाई संकट: 15 दिन बाद भी नहीं पहुंचा बांध का पानी, धान की फसल सूखने की कगार पर

बलौदाबाजार: जिले में इस समय किसानों की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है। जिले के हजारों किसान अपनी धान की फसल के लिए सिंचाई पानी का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन गंगरेल बांध से नहरों के जरिए पानी छोड़े जाने के 15 दिन बाद भी कई गांवों के अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पाया है। नतीजतन, किसानों की फसलें सूखने की कगार पर पहुंच गई हैं।
जिले के कई ग्रामीण इलाकों में स्थिति गंभीर होती जा रही है। खेतों में धान के पौधे मुरझा रहे हैं, और किसानों की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है — विडंबना यह है कि पानी होते हुए भी खेत प्यासे हैं। जिन क्षेत्रों में पानी पहुंचना चाहिए था, वहां अब भी नहरें सूखी हैं।
नहरों को क्षतिग्रस्त कर रहे शरारती तत्व
इस संकट की एक बड़ी वजह यह भी सामने आई है कि कुछ शरारती तत्वों द्वारा नहरों को जानबूझकर क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। इन लोगों ने अधिक पानी हासिल करने की होड़ में नहरों को काट दिया, जिससे पानी बीच रास्ते में ही बह जाता है और आगे के गांवों तक नहीं पहुंच पाता। इससे जल का भारी नुकसान हो रहा है और सैकड़ों किसानों की फसलें बर्बाद होने के कगार पर हैं।
कलेक्टर ने लिया संज्ञान, अधिकारियों को दिए निर्देश
जिले की इस गंभीर स्थिति को देखते हुए कलेक्टर दीपक सोनी ने सोमवार को जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई। उन्होंने नहरों में पानी की सप्लाई और बाधाओं की विस्तृत जानकारी ली। बैठक में तय किया गया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर की चेतावनी: दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि जो लोग नहरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, उनके खिलाफ सिंचाई अधिनियम और शासकीय संपत्ति को नुकसान अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे लोगों से जुर्माना वसूला जाए, और यदि किसी पंचायत की संलिप्तता पाई जाती है तो एसडीएम स्तर पर नोटिस जारी कर कठोर कदम उठाए जाएं।
किसानों की मांग — तत्काल बहाल हो पानी की आपूर्ति
किसानों का कहना है कि अगर अगले कुछ दिनों में पानी की आपूर्ति बहाल नहीं होती, तो उनकी मेहनत पूरी तरह बर्बाद हो जाएगी। प्रशासन से उन्होंने तत्काल प्रभाव से नहरों की मरम्मत कराकर गांवों तक पानी पहुंचाने की मांग की है।