कर्रेगुट्टा में खुलेगा CRPF का वॉर फेयर ट्रेनिंग स्कूल, नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में बनेगा नया मोर्चा

छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ी, जो कभी नक्सलियों का मजबूत गढ़ मानी जाती थी, अब सुरक्षा बलों का शक्तिशाली अड्डा बनने जा रही है। केंद्र सरकार ने यहां CRPF के वॉर फेयर ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना को हरी झंडी दे दी है। यह ट्रेनिंग कैंप लगभग 700 एकड़ भूमि में फैला होगा और नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी भूमिका निभाएगा।
मई 2025 में चला था बड़ा ऑपरेशन, 31 नक्सली मारे गए थे
गौरतलब है कि मई 2025 में सुरक्षाबलों ने कर्रेगुट्टा के जंगलों में लगातार 21 दिनों तक ऑपरेशन चलाया था। इस अभियान में 31 खूंखार नक्सली मारे गए, जिनमें 1 करोड़ के इनामी टॉप कमांडर बसवराजु का भी खात्मा हुआ था। इसी सफलता को देखते हुए इस क्षेत्र में वॉर फेयर ट्रेनिंग सेंटर खोलने का निर्णय लिया गया।
वन्य जीव कल्याण बोर्ड से मिली मंजूरी: गृहमंत्री विजय शर्मा
छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने जानकारी दी कि इस प्रस्ताव को वन्य जीव कल्याण बोर्ड से अनुमति मिल चुकी है। यह ट्रेनिंग स्कूल नक्सलियों से निपटने के लिए खास तौर पर तैयार किया जाएगा, जिसमें आधुनिक हथियारों, जंगल वारफेयर, और स्पेशल ऑपरेशंस की उच्चस्तरीय ट्रेनिंग दी जाएगी।
नक्सल गढ़ से विकास केंद्र तक का सफर
सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि यह कैंप केवल सुरक्षा को ही नहीं, बल्कि स्थानीय विकास को भी नई दिशा देगा। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और इलाके की सुरक्षा व्यवस्था और भी मजबूत होगी। यह कदम नक्सलियों के पुराने ठिकानों को पूरी तरह खत्म करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
नक्सलियों की कमर टूटेगी
कर्रेगुट्टा में वॉर फेयर ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना यह स्पष्ट संकेत देती है कि सरकार अब नक्सल प्रभाव वाले क्षेत्रों में स्थायी उपस्थिति बनाकर, स्थायी समाधान की दिशा में बढ़ रही है। यह केवल एक कैंप नहीं, बल्कि नक्सलवाद पर निर्णायक वार साबित हो सकता है।



