सूरजपुर में कोल माइंस के खिलाफ ग्रामीणों का हंगामा, फर्जी ग्रामसभा प्रस्ताव का आरोप, तहसील कार्यालय में किया विरोध प्रदर्शन

सूरजपुर: जिले में संचालित कोल खदानों को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। खदान खोलने को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा अब सड़कों से उठकर सरकारी दफ्तरों तक पहुंच चुका है। ग्रामसभा प्रस्ताव को फर्जी बताते हुए बड़ी संख्या में ग्रामीण तहसील कार्यालय पहुंचे और जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
ग्रामसभा प्रस्ताव को बताया फर्जी, कार्यवाही की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामसभा की सहमति का फर्जी प्रस्ताव बनाकर खदान खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई है। बीते दिनों जिन लोगों को यह प्रस्ताव सौंपा गया था, उन्होंने अब इसे असली मानने से इनकार कर दिया है। इसी को लेकर ग्रामीणों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते हुए प्रस्ताव को खारिज करने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
सरपंच के साथ हुई धक्का-मुक्की, मामला पहुंचा पुलिस तक
प्रदर्शन के दौरान स्थिति उस वक्त और बिगड़ गई जब ग्रामसभा प्रस्ताव को लेकर ग्रामीणों और सरपंच के बीच विवाद हो गया। आक्रोशित ग्रामीणों ने सरपंच के साथ धक्का-मुक्की और बदसलूकी की, जिसकी शिकायत सरपंच संघ ने अजाक थाने में दर्ज कराई है।
एक्ट्रोसिटी एक्ट में केस, ग्रामीणों का पलटवार
विवाद में शामिल दो प्रदर्शनकारियों पर एससी/एसटी (एक्ट्रोसिटी) एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। इसी कार्रवाई के खिलाफ भी ग्रामीणों में नाराजगी देखी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि “लालच और दबाव में” ग्रामसभा की सहमति ली गई, जबकि गांव की जनता को इसकी कोई जानकारी नहीं थी।
ग्रामीण बोले – हमें डराकर आंदोलन खत्म कराना चाहती है कंपनी
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण नरेंद साहू ने कहा, “ग्रामसभा का फर्जी प्रस्ताव बनाकर हमारी सहमति दिखा दी गई। अब जब हमने विरोध किया तो हमारे लोगों पर झूठे केस डालकर उन्हें जेल भेजने की साजिश की जा रही है।” उन्होंने आरोप लगाया कि प्रकाश इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियां आंदोलन को कुचलने के लिए दबाव बना रही हैं।
तहसीलदार ने दिए जांच का आश्वासन
मामले पर तहसीलदार का कहना है कि ग्रामीणों की शिकायत को उच्च अधिकारियों तक भेजा जाएगा और यदि आवश्यक हुआ तो एक टीम बनाकर जांच भी की जाएगी। फिलहाल प्रशासन ग्रामीणों और कंपनी के बीच विवाद को लेकर सतर्क नजर आ रहा है।