
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्र के नाम संदेश में 22 सितंबर से शुरू होने वाले जीएसटी बचत उत्सव की घोषणा की। उन्होंने इसे ‘नेक्स्ट जनरेशन टैक्स रिफॉर्म’ बताते हुए कहा कि इस कदम से हर परिवार को बचत का बड़ा फायदा मिलेगा और त्योहारों के मौसम में खुशियां दोगुनी होंगी।
रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्ती
पीएम मोदी ने बताया कि नए जीएसटी ढांचे में अब मुख्य रूप से 5% और 18% टैक्स स्लैब ही रहेंगे। खाने-पीने का सामान, दवाइयां, साबुन, टूथपेस्ट, स्वास्थ्य व जीवन बीमा जैसी ज़रूरी चीजें या तो टैक्स फ्री होंगी या सिर्फ 5% टैक्स के दायरे में आएंगी। जिन वस्तुओं पर पहले 12% टैक्स लगता था, उनमें से लगभग 99% अब 5% पर आ चुकी हैं।
गरीबी से निकलकर न्यू मिडिल क्लास की भूमिका
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को मात देकर ‘न्यू मिडिल क्लास’ के रूप में देश की अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका निभाई है। उनका मानना है कि जीएसटी सुधार इस वर्ग की क्रय शक्ति को और मजबूत करेंगे।
सबका मुंह होगा मीठा
त्योहारों के मौके पर होने वाले इस बचत उत्सव को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि किसान, गरीब, मध्यमवर्गीय परिवार, व्यापारी और उद्यमी—सभी को इसका लाभ मिलेगा। “त्योहारों के इस मौसम में सबका मुंह मीठा होगा और देश की खुशियों में बढ़ोतरी होगी।”
सुधारों की निरंतर प्रक्रिया
पीएम मोदी ने कहा कि सुधार कभी स्थिर नहीं रहते, वे समय और जरूरत के साथ बदलते हैं। देश की वर्तमान आवश्यकताओं और भविष्य की आकांक्षाओं को देखते हुए जीएसटी में ये बदलाव लागू किए गए हैं। उन्होंने इसे भारत की ग्रोथ स्टोरी को गति देने वाला बड़ा कदम बताया।
2014 और जीएसटी की शुरुआत
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने 2014 की एक घटना याद करते हुए बताया कि तब कई कंपनियों के लिए सामान को एक शहर से दूसरे शहर भेजना इतना मुश्किल था कि वे यूरोप होते हुए भारत में सामान भेजना आसान समझती थीं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बदलना बेहद जरूरी था और 2017 में जीएसटी लागू होने से नया इतिहास लिखा गया।
राज्यों को दिया श्रेय
प्रधानमंत्री ने राज्यों और सभी हितधारकों को श्रेय देते हुए कहा कि सभी के सहयोग से ही आजादी के बाद का सबसे बड़ा टैक्स सुधार संभव हुआ। “वन नेशन, वन टैक्स” का सपना अब हकीकत है, और इससे कारोबार आसान होने के साथ-साथ निवेश आकर्षक बनेगा।