नान घोटाला: पूर्व IAS आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा गिरफ्तार, 16 अक्टूबर तक ED रिमांड में भेजे गए

रायपुर — बहुचर्चित नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाले मामले में पूर्व मुख्य सचिव और रिटायर्ड IAS अधिकारी आलोक शुक्ला तथा पूर्व IAS अनिल टुटेजा को ED (Enforcement Directorate) ने गिरफ्तार कर लिया है। न्यायालय ने दोनों को 16 अक्टूबर तक ED की हिरासत (रिमांड) पर भेज दिया है। इस आदेश के बाद ED की टीम उन्हें जल्दी ही दिल्ली ले जाएगी। रायपुर कोर्ट में सुबह से ही ED की टीम मौजूद थी।
सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत खारिज की
नान घोटाले में डॉ. शुक्ला और अनिल टुटेजा को पहले हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत मिली थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच — जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा — ने उस जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, दोनों अधिकारियों को पहले दो हफ्ते ED की हिरासत में और उसके बाद दो हफ्ते न्यायिक हिरासत में रहना होगा; तभी उन्हें जमानत मिल सकेगी।
आरोप और ED की शिकायत
न्यायालय ने हुए आदेश में उल्लेख किया है कि आरोपियों ने 2015 में दर्ज नान घोटाला मामले तथा ED की जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया था। ED का दावा है कि दोनों ने जांच और कानूनी प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया और प्रतिक्रिया, दस्तावेज आदि में बदलाव की कोशिश की।
पिछली कार्रवाई और घटनाक्रम
18 सितंबर को ED की टीम ने डॉ. आलोक शुक्ला के भिलाई के तालपुरी स्थित निवास में छापेमारी की थी।
उसी दिन शुक्ला ED की विशेष अदालत में सरेंडर करने पहुंचे, लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अपलोड नहीं होने का हवाला देते हुए सरेंडर करने से रोका गया।
अगले दिन, यानी 19 सितंबर को उनके सरेंडर आवेदन पर सुनवाई 22 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।