छत्तीसगढ़

नवरात्रि के बाद मूर्ति विसर्जन स्थल पर हिंसा: लकड़ी के ‘पाटे’ को लेकर दो पक्षों में भिड़ंत, युवक गंभीर घायल

बलौदाबाजार – नवरात्रि पर्व की आस्था और भक्ति के बीच बलौदाबाजार जिले के नगर पंचायत पलारी में दशमी के दिन एक गंभीर विवाद हो गया। माँ दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के बाद, तालाब में छोड़े गए लकड़ी के ‘पाटे’ और फ्रेम को निकालने को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हो गई। इस झड़प में एक युवक के सिर में गंभीर चोट आई है, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, नवमी और दशमी को माता की प्रतिमाओं का विसर्जन पूरे उत्साह के साथ किया गया। लेकिन विसर्जन के कुछ घंटे बाद कुछ युवक तालाब में उतरकर बची हुई मूर्तियों को किनारे खींच लाए और उनमें लगी लकड़ी के फ्रेम और पाटे को निकालने लगे। यह काम धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ माना जाता है, क्योंकि मूर्तियों को खंडित कर उनका व्यावसायिक उपयोग करना आस्था का अपमान है।

स्थानीय लोगों के अनुसार, ये युवक मिट्टी की मूर्तियों को तोड़कर उनमें से लकड़ी अलग कर लेते हैं, जिसे बाद में मूर्तिकारों को ₹500-₹500 में बेच दिया जाता है। इसी लाभ के लालच में कई लोग तालाब में उतरते हैं।

लकड़ी के पाटे को लेकर विवाद, युवक घायल

इसी प्रक्रिया के दौरान दो समूहों में कहासुनी शुरू हुई, जो देखते ही देखते हिंसक झड़प में बदल गई। तालाब में लकड़ी के फ्रेम को लेकर हुई झड़प में एक युवक पर हमला कर दिया गया, जिससे उसके सिर में गंभीर चोट आई। घायल युवक को तत्काल अस्पताल ले जाया गया।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। पलारी थाना में पीड़ित युवक की शिकायत पर तीन-चार युवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

स्थानीयों की नाराजगी, कार्रवाई की मांग

इस घटना के बाद क्षेत्र के भक्तजनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश है। उनका कहना है कि मूर्ति विसर्जन के बाद मूर्तियों को तोड़ना धार्मिक भावना का अपमान है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे कृत्यों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और विसर्जन के बाद मूर्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, ताकि कोई व्यक्ति उन्हें व्यवसायिक लाभ के लिए खंडित न कर सके।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

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