छत्तीसगढ़ में संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण फिर बना बड़ा मुद्दा, विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने दी कार्य बहिष्कार की चेतावनी

रायपुर: दिवाली से पहले छत्तीसगढ़ में संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस बार प्रदेश के विद्युत विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों ने राजधानी रायपुर स्थित बिजली मुख्यालय के घेराव की तैयारी कर ली है और चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो वे 18 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू करेंगे।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें क्या हैं?
विद्युत विभाग के संविदा कर्मचारियों ने सरकार के सामने निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण (पर्मानेंट किया जाना)
ड्यूटी के दौरान दुर्घटना या सामान्य मृत्यु होने पर 25 लाख रुपए का मुआवजा
मृतक कर्मचारी के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति
संविदा कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और मकान किराया भत्ता (HRA)
अवकाश के दिनों में काम करने पर अतिरिक्त भुगतान
एनएचएम कर्मचारियों के आंदोलन की मिसाल
हाल ही में प्रदेश में एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) के कर्मचारियों ने भी अपनी मांगों को लेकर बड़ा आंदोलन किया था, जिसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो गई थीं। करीब एक महीने तक चले इस आंदोलन के बाद सरकार ने उनकी मांगों को मानने का आश्वासन दिया, जिसके बाद कर्मचारी काम पर लौटे। अब ऐसा ही दबाव विद्युत विभाग के संविदा कर्मचारी भी बनाने की कोशिश में हैं।
क्या कहती है सरकार?
फिलहाल सरकार की ओर से इस ताज़ा आंदोलन को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन कर्मचारियों के तेवर देखते हुए ऐसा लग रहा है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और ज़ोर पकड़ सकता है।