CG : नहीं रही छत्तीसगढ़ की बाघिन बिजली, गुजरात में इलाज के दौरान तोड़ा दम

गुजरात। जंगल सफारी की मादा बाघ बिजली का शुक्रवार को गुजरात के वनतारा वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन सेंटर में इलाज के दौरान निधन हो गया। पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ अरुण कुमार पाण्डेय ने इसकी पुष्टि की। बिजली किडनी और गर्भाशय की गंभीर बीमारी से जूझ रही थी।
उपचार के लिए लंबी यात्रा
वनमंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर बिजली को मंगलवार को ट्रेन के जरिए गुजरात भेजा गया था। वनतारा प्रबंधन ने सोशल मीडिया पर इसकी मौत की पुष्टि की। सफारी प्रशासन के अनुसार, बीमारी के लक्षण दिखने पर बेहतर इलाज के लिए यह कदम उठाया गया। घटना की जानकारी मिलने पर जंगल सफारी के डायरेक्टर थेजस शेखर भी तुरंत गुजरात के लिए रवाना हुए।
विशेषज्ञों ने उठाए सवाल
जंगल सफारी में वन्यजीवों के लिए हाईटेक उपचार सुविधाओं का दावा किया जाता है। बावजूद इसके, बिजली को डेढ़ हजार किलोमीटर दूर ले जाने पर सवाल उठ रहे हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार अंजोरा स्थित कामधेनु विश्वविद्यालय में भी विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध हैं।
लंबी यात्रा से स्वास्थ्य बिगड़ा
पिंजरे में कैद बिजली लंबी यात्रा से अत्यधिक थक गई थी। अगस्त में ही उसके किडनी और गर्भाशय की बीमारी का पता चला था। बीमारी बढ़ने के कारण बिजली ने खाना-पीना भी छोड़ दिया था।
पिता के साथ ही जीवन का अंत
बिजली जंगल सफारी के नर बाघ शिवाजी की पहली शावक थी। नौ साल पहले, जंगल सफारी के उद्घाटन के समय गुजरात से शिवाजी को लाया गया था। उसी राज्य में बिजली ने अपनी अंतिम सांस ली।