रेलवे कॉरिडोर के खिलाफ किसानों का उबाल: सैकड़ों किसानों का पैदल मार्च, कहा – बिना मुआवजा एक इंच जमीन नहीं देंगे

छत्तीसगढ़ के सुहेला में प्रस्तावित गतिशील मल्टी मॉडल कार्गो टर्मिनल परियोजना के लिए बनने वाले रेलवे कॉरिडोर को लेकर किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। धोधा से लेकर खपराडीह तक प्रभावित 13 गांवों के किसानों ने मंगलवार को तहसील कार्यालय सुहेला पहुंचकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
सैकड़ों किसानों का 7 किलोमीटर लंबा पैदल मार्च
सुबह ग्राम नवापारा से सैकड़ों किसान हाथों में बैनर, तख्तियां और नारे लिखे पोस्टर लेकर 7 किलोमीटर लंबा पैदल मार्च करते हुए तहसील कार्यालय पहुंचे। किसानों ने साफ कहा कि—“बिना सहमति और सम्पूर्ण मुआवजे के, एक इंच भी जमीन नहीं देंगे।”
त्रुटिपूर्ण सर्वे से गांवों पर संकट
किसानों ने बताया कि प्रस्तावित रेलवे ट्रैक कई गांवों की मुख्य बस्तियों को काटते हुए आंगनबाड़ी, स्कूल, पशु चिकित्सालय, तालाब और खेल मैदान जैसे सार्वजनिक स्थलों को प्रभावित करेगा। ग्रामीणों ने आशंका जताई कि रेलवे लाइन गुजरने से गांव तीन हिस्सों में बंट जाएंगे, जिससे सामाजिक और आर्थिक जीवन पूरी तरह बाधित हो जाएगा।
केवल ट्रैक नहीं, पूरी प्रभावित भूमि खरीदी जाए
किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन केवल ट्रैक के नीचे की जमीन खरीदने की बात कर रहा है, जबकि ट्रैक के दोनों ओर की भूमि खेती लायक नहीं बचेगी। इससे सिंचाई व्यवस्था, आवागमन और फसल उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा। किसानों ने मांग की कि सरकार पूरी प्रभावित भूमि का अधिग्रहण करे, ताकि किसानों को न्याय मिल सके।
किसानों की 4 प्रमुख मांगें
रेलवे सर्वेक्षण को दोबारा कराया जाए।
नई लाइन को अल्ट्राटेक ट्रैक के समानांतर निकाला जाए ताकि नया अधिग्रहण न हो।
परियोजना प्रबंधन सीधे किसानों से संवाद करे।
केवल ट्रैक नहीं, पूर्ण प्रभावित क्षेत्र की सभी जमीन खरीदी जाए।
एसडीएम को सौंपा गया 8 सूत्रीय ज्ञापन
धरना स्थल पर किसानों ने एसडीएम अतुल शेटे से फोन पर बात कर 8 बिंदुओं वाला ज्ञापन सौंपा, जिसमें पारदर्शी सर्वे, पूर्ण मुआवजा, सामुदायिक संसाधनों की सुरक्षा और वैकल्पिक मार्ग व्यवस्था जैसी प्रमुख मांगें शामिल थीं। किसानों ने चेतावनी दी कि—“अगर हमारी बात नहीं सुनी गई, तो हम परिवार सहित सड़क पर डेरा डाल देंगे और अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे।”
प्रशासन ने दी आश्वासन की बात
एसडीएम अतुल शेटे ने ज्ञापन प्राप्त करने की पुष्टि की और कहा कि किसानों की आपत्तियों को शीघ्र उच्च अधिकारियों तक भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए हर संभव समाधान तलाशेगा।



