पूर्व नक्सलियों का भावनात्मक पत्र: साथियों से की हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील

छत्तीसगढ़। नक्सल प्रभावित इलाकों में एक भावनात्मक पत्र इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। यह पत्र आत्मसमर्पण कर चुके दो पूर्व नक्सलियों — जानसी और जैनी — द्वारा लिखा गया बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस पत्र की प्रतियां नक्सल प्रभावित गांवों और जंगल क्षेत्रों में जगह-जगह फेंकी गई हैं। इसमें दोनों ने अपने पूर्व साथियों से हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की है।
पत्र में लिखा गया है, “जंगल में जीवन बेहद कठिन है। आप सबको बीमारियों, तकलीफों और लगातार संघर्ष का सामना करना पड़ता है। कई साथी बेवजह अपनी जान गंवा रहे हैं। इतने कष्ट में जीना अब व्यर्थ है। इसलिए गंभीरता से सोचिए और समाज की मुख्यधारा में लौट आइए।”
पूर्व नक्सलियों ने पत्र में बताया कि हाल के दिनों में कई बड़े नक्सली नेता और कमांडर आत्मसमर्पण कर चुके हैं। उन्होंने लिखा, “सोनू दादा समेत कई एसीडीवीसी कमांडर और उनके सदस्य मुख्यधारा में लौट आए हैं। वे अब शांतिपूर्ण जीवन बिता रहे हैं। ओडिशा सीमा क्षेत्र में अब कोई प्रमुख नक्सली नेता शेष नहीं है। अकेला रामदास क्या करेगा, और आप लोग क्या कर पाएंगे? इसलिए आत्मसमर्पण करें और अपने जीवन को सुरक्षित बनाएं।”
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि आत्मसमर्पण करने वालों को सरकार की ओर से इनाम राशि, सुरक्षा और पुनर्वास की सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इसमें कहा गया है, “यहां आने पर आपको हर सुविधा मिलेगी, इनाम भी मिलेगा और आप निश्चिंत होकर जीवन जी सकेंगे।”
गौरतलब है कि हाल के महीनों में सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और सरकार की पुनर्वास नीतियों के कारण नक्सलियों के आत्मसमर्पण की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में हाल ही में 258 नक्सलियों ने हथियार डालकर शांति का रास्ता चुना है। प्रशासन और सुरक्षा बल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जनजागरण अभियान चला रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक नक्सली हिंसा छोड़कर सम्मानजनक और शांतिपूर्ण जीवन की ओर लौट सकें।



