MSME में चेयरमैन बनाने के नाम पर 35 लाख की ठगी, रायपुर के दो कारोबारियों से जालसाजी

रायपुर के दो कारोबारियों से दिल्ली के एक जालसाज ने एमएसएमई चेयरमैन और वाइस चेयरमैन बनाने का झांसा देकर 35 लाख रुपये की ठगी कर ली। आरोप है कि जालसाज ने न केवल उनसे पैसे वसूले बल्कि उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया। इस मामले में तेलीबांधा निवासी अनिल श्रीवाल और रोशन श्रीवाल ने दिल्ली निवासी विजय चौरसिया के खिलाफ अभनपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
एक लाख वेतन और भत्तों का दिया था झांसा
शिकायत के मुताबिक, विजय चौरसिया ने दोनों कारोबारियों को भरोसा दिलाया कि उसकी संस्था “माइक्रो स्मॉल मीडियम इंटरप्राइजेज प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया” केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त उपक्रम है। उसने कहा कि संस्था देशभर में चेयरमैन और वाइस चेयरमैन नियुक्त कर रही है, जिनके लिए एक लाख रुपये मासिक वेतन, आवास और अन्य भत्ते दिए जाएंगे। इसी झांसे में आकर दोनों कारोबारी लालच में फंस गए।
ऐसे हुई मुलाकात और शुरू हुई ठगी
अनिल और रोशन ने बताया कि उनकी मुलाकात 5 अप्रैल 2023 को जोरा स्थित एक होटल में विजय चौरसिया से हुई थी। उसने खुद को एमएसएमई प्रमोशन काउंसिल का चेयरमैन बताया था। मुलाकात के बाद दोनों ने उसे होटल में ही 2-2 लाख रुपये नकद दिए। इसके बाद अप्रैल से दिसंबर 2023 के बीच छह अलग-अलग किस्तों में कुल 35 लाख रुपये नकद और ऑनलाइन ट्रांसफर किए। रकम मिलने के बाद विजय ने उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर दिया और कार्यक्रम भी आयोजित करवाया।
पैसों की मांग पर किया अभद्र व्यवहार
कारोबारियों ने बताया कि नियुक्ति पत्र मिलने के बाद उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और खर्च भी खुद उठाया, लेकिन जब लंबे समय तक वेतन नहीं मिला तो उन्होंने विजय से पैसे वापस मांगे। इस पर आरोपी ने उनके साथ गाली-गलौज की। इसके बाद दोनों को ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने दर्ज किया धोखाधड़ी का मामला
रायपुर एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने बताया कि अभनपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं के तहत केस पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दी है। आरोपियों की तलाश की जा रही है और जरूरत पड़ने पर पुलिस टीम को दिल्ली भेजा जा सकता है।
क्या है एमएसएमई?
एमएसएमई का अर्थ है सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, जो भारत सरकार द्वारा तय निवेश और वार्षिक कारोबार के आधार पर वर्गीकृत किए जाते हैं। ये उद्यम देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उत्पादन, प्रसंस्करण या सेवा क्षेत्र से जुड़े होते हैं।



