रायपुर का कुख्यात सूदखोर वीरेंद्र तोमर 14 दिन की रिमांड पर, कोर्ट परिसर में समर्थकों का हंगामा

रायपुर पुलिस ने लंबे समय से फरार चल रहे कुख्यात सूदखोर वीरेंद्र तोमर को ग्वालियर से गिरफ्तार कर राजधानी लाने के बाद शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के दौरान उसे 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया। पूछताछ में उसने अपने छिपने के ठिकानों और कुछ अघोषित संपत्तियों से जुड़ी जानकारी पुलिस को दी है, जिससे जांच एजेंसी अब नए सुरागों पर काम कर रही है।
कोर्ट परिसर के बाहर वीरेंद्र के समर्थकों ने अचानक जमकर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। सुरक्षा बढ़ानी पड़ी। इस बीच उसका भाई रोहित तोमर अभी भी फरार है और पुलिस उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है। दोनों भाइयों पर तेलीबांधा और पुरानी बस्ती थानों में सूदखोरी, हमला, वसूली और आर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज हैं।
151 दिन की फरारी खत्म, ग्वालियर से दबोचा गया
वीरेंद्र तोमर बीते 151 दिनों से पुलिस को चकमा देता घूम रहा था। वह लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था। रायपुर पुलिस की टीम ने गुप्त सूचना पर मध्यप्रदेश के ग्वालियर में घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार किया। इसके बाद उसे सड़क मार्ग से रायपुर लाया गया, जहां पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद इलाके में उसका जुलूस भी निकाला। इस दौरान वह खुद बोलता नजर आया— “गुंडागर्दी पाप है, पुलिस हमारी बाप है।”
तोमर ब्रदर्स के खिलाफ 7 केस, कई राज्यों का रूट अपनाया
जून महीने में 30 दिनों के अंदर 7 मामले दर्ज हुए थे— जिनमें मारपीट, अवैध उगाही, डराने-धमकाने और सूदखोरी जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। एक मामला तेलीबांधा और छह मामले पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र में दर्ज हुए।
मामलों के बढ़ने के बाद दोनों भाई उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और फिर मध्यप्रदेश भाग निकले। कहा जा रहा है कि फरारी के दौरान इनकी कुछ स्थानीय नेताओं से भी मुलाकात हुई। अंत में वीरेंद्र ग्वालियर के एक किराए के घर में छिपा मिला।



