ISIS मॉड्यूल का बड़ा खुलासा: किशोरों के विदेशी नेटवर्क पर ATS की नजर, इंस्टाग्राम से मांगा विस्तृत डेटा

ISIS से जुड़े पाक हैंडलरों के संपर्क में आए दो किशोरों की गिरफ्तारी के बाद जांच लगातार नए मोड़ ले रही है। एटीएस की पड़ताल में सामने आया है कि दोनों किशोर सिर्फ पाकिस्तान से संचालित मॉड्यूल के इशारों पर ही नहीं चल रहे थे, बल्कि वे कई अन्य देशों से भी डिजिटल रूप से जुड़े थे। देश के अन्य राज्यों के कुछ लोगों से भी उनका संपर्क होने के संकेत मिले हैं। इसी कारण मामले की गहराई तक पहुंचने के लिए एटीएस ने इंस्टाग्राम के मुख्यालय, कैलिफोर्निया से विस्तृत तकनीकी जानकारी मांगी है।
इंस्टाग्राम HQ को भेजा गया तकनीकी डेटा अनुरोध
एटीएस ने इंस्टाग्राम को ईमेल भेजकर कई महत्वपूर्ण डेटा सेट की मांग की है, जिनमें शामिल हैं—
अकाउंट लॉगिन लॉग्स
चैट बैकअप
सर्वर मेटाडेटा
डिवाइस लिंकिंग का विवरण
रिकवरी लॉग्स
बदलते यूजरनेम का पैटर्न
ग्रुप गतिविधियों की विस्तृत टाइमलाइन
डिवाइस जांच में पता चला है कि किशोर कई विदेशी डिजिटल ऑपरेटर्स से जुड़ाव रखते थे और फर्जी अकाउंट, मास्क्ड पहचान और एन्क्रिप्टेड चैटिंग में दक्ष हो चुके थे। पाक हैंडलरों ने भी उन्हें डिजिटल तौर पर हाई-लेवल ट्रेनिंग दी थी।
अरबी सीखकर विदेशी लिंक से सीधा संवाद की तैयारी
जब्त किए गए लैपटॉप और गैजेट्स की जांच में यह सामने आया कि दोनों किशोर अरबी भाषा सीखने के लिए ऑनलाइन टूल्स का इस्तेमाल कर रहे थे। उद्देश्य था—विदेशी आईएसआईएस समर्थकों से सीधे और सुरक्षित संपर्क स्थापित करना। किशोरों ने इंस्टाग्राम पर “ISIS Raipur” नाम से एक ग्रुप भी बनाया था, जिसमें समान विचारधारा वाले युवाओं को जोड़ने की कोशिश की जा रही थी।
डार्क वेब पर हथियारों की तलाश
फॉरेंसिक जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि दोनों किशोर डार्क वेब पर घातक हथियारों और आतंकी सामग्री की खोज कर रहे थे। एटीएस ने इन सभी डिजिटल ट्रेल्स को हाई-रिस्क कैटेगरी में रखकर अलग से जांच शुरू कर दी है।
जांच का दायरा दूसरे राज्यों तक बढ़ा
एटीएस की जांच अब सिर्फ राज्य तक सीमित नहीं है। कई जिलों और अन्य राज्यों से जुड़े लिंक की भी जांच की जा रही है। भिलाई से पकड़े गए चार लड़कों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया, लेकिन उनके मोबाइल तकनीकी जांच के लिए अभी एटीएस के पास हैं।



