
रायपुर। करवा चौथ पर दिन की शुरुआत स्नान और स्वच्छता से करें। शरीर और मन को शुद्ध करने के बाद घर के पूजा स्थान को सजाएं। फिर भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठें। अपने दाएं हाथ में चावल (अक्षत) और फूल लें और यह निश्चय करें कि आज का व्रत आप पूरे विधि-विधान, निष्ठा और संयम के साथ रखेंगी।
संकल्प के समय यह भावना रखें कि व्रत का पालन बिना जल और अन्न के किया जाएगा, और चंद्रमा के दर्शन के बाद ही इसका समापन होगा। संकल्प के बाद अक्षत और पुष्प भगवान के चरणों में अर्पित करें।
करवा चौथ 2025 पूजा का शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय
पूजा का समय: शाम 5:57 बजे से रात 7:11 बजे तक (1 घंटा 14 मिनट)
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 9 अक्टूबर, रात 10:54 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त: 10 अक्टूबर, शाम 7:38 बजे
दिल्ली में चंद्रोदय: रात 8:13 बजे
लखनऊ में चंद्रोदय: रात 8:02 बजे
कोलकाता में चंद्रोदय: शाम 7:41 बजे
चंडीगढ़ और पंजाब में चंद्रोदय: 8:08 से 8:11 बजे के बीच
राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त
राहुकाल: सुबह 10:40 से दोपहर 12:07 तक
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:44 से दोपहर 12:30 तक
व्रत की पूजा राहुकाल में नहीं करनी चाहिए। अभिजीत मुहूर्त को शुभ माना जाता है।
करवा चौथ पर शुक्र ग्रह को बल देने के उपाय
शुक्र ग्रह दांपत्य जीवन और प्रेम का प्रतीक होता है। आज के दिन इत्र या चंदन का प्रयोग करना शुभ माना जाता है। शाम को शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं और “ॐ शुक्राय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। यह उपाय वैवाहिक जीवन में मधुरता और सामंजस्य बढ़ाता है।
धन-संपत्ति के लिए लक्ष्मी पूजन का महत्व
शाम के समय करवा चौथ की पूजा में माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की आराधना भी करें। अपने पूजन स्थान पर 11 गोमती चक्र रखें और “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जप करें। पूजा के बाद गोमती चक्रों को लाल वस्त्र में बांधकर तिजोरी या अपने पर्स में रखें। इससे घर में लक्ष्मी का वास बना रहता है और आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है।



