रायपुर। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने एक बार फिर विवादास्पद बयान दिया है। कवासी लखमा ने कहा कि आदिवासी हिंदू से अलग है। राजधानी में एक दौरे के दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि आदिवासियों और हिंदुओं की परंपरा अलग-अलग है। आदिवासी यदि शादी करता है तो गांव के पुजारी से शादी करवाता हैं, पंडितों से नहीं, आदिवासी ही देश के मूल निवासी हैं। इसलिए हम हिंदू से अलग है। हम हिंदुस्तान के रहने वाले मूल आदिवासी हैं। आदिवासियों का खान-पान, वेषभूषा अलग है। लखमा ने कहा कि आदिवासियों का कोड, नियमावली अलग होना चाहिए। हम जंगल में रहते हैं। हम पूजा-पाठ करते हैं। हिंदुओं का तरीका अलग होता है। हिंदू, बौद्ध आदि धर्म से यह सब बाहर से आए हैं।
विवादास्पद बयानों से रहा है नाता –
1. शराब पीने से बढ़ती है ताकत
बीते वर्ष लखमा ने एक और विवादास्पद बयान दिया था। अमरकंटक तीर्थ यात्रा से बस्तर लौटने के बाद आबकारी मंत्री ने कहा था कि छत्तीसगढ़ मेहनतकश मजदूरों और किसानों का प्रदेश है। मेहनत करने वालों को शराब की जरूरत पड़ती है। शराब पीने से ताकत बढ़ने का दावा भी उन्होंने किया।
2. बच्चा एक दिन में पैदा नहीं होता
बीते वर्ष बस्तर में बैंकिंग सुविधाओं को लेकर मीडिया से बातचीत के दौरान कवासी लखमा ने कहा था कि बच्चा एक दिन में तो पैदा नहीं होता ना, फिर एक दिन में बैकिंग सुविधा कैसे मिल सकती है?
3. नक्सली समस्या पर बोले-जादू की छड़ी नहीं
नवंबर 2022 को धमतरी में एक कार्यक्रम के दौरान कवासी लखमा ने नक्सली समस्या पर कहा था कि हमारे पास कोई जादू की छड़ी नहीं कि एक झटके में नक्सली समस्या का अंत हो जाए।