रायपुर। नारायणपुर में भाजपा जिला उपाध्यक्ष की हत्या पर अजय चंद्राकर ने कहा कि चुनाव तक अभी कई हत्याएं होंगी. कई लोगों को फंसाया जाएगा. नकारात्मक पहलू पर कांग्रेस खड़ी है. नकारात्मक बिंदु पर चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस के पास अगर सकारात्मक विषय होता तो वह 13 दिन का सत्र क्यों बुलाते. छत्तीसगढ़ में अधिकतम 29 दिन का बजट सत्र हुआ है. हिम्मत है तो प्रदेश के बड़े पंचायत में सामना करें, सकारात्मक विषय है तो. वो तो नकारात्मक आधार पर विरोधियों की हत्या, विरोधियों को फंसा कर चुनाव में जाने की कोशिश करेगी.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बस्तर दौरे को लेकर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के बयान पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि देश में जो कांग्रेस की स्थिति है, ऐसे ही उलूल-जुलूल बयानों से हुई है. कांग्रेसी अपने बयानों से राजनीतिक सद्भावना मत खोदे.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने मोहन मरकाम को गंभीरता से लेना बंद कर दिया है. जो व्यक्ति प्रधानमंत्री और दूसरे लोगों के ऊपर टिप्पणी करता है, तो कहना चाहिए कि पैर तो पजामे के अंदर ठीक लगता है, पैजामा के बाहर पैर ठीक नहीं लगता है. उनके पैर पजामे से ज्यादा बाहर आ गए हैं, इसलिए उनके बयानों को हम लोगों ने गंभीरता से लेना बंद कर दिया है. थोड़ी देर में बहुत ज्यादा बोल देंगे तो जातिवादी बात करने लग जाएंगे. कांग्रेस के अध्यक्ष है, या किसी जाति विशेष के अध्यक्ष हैं. पहले अपना पोलिटिकल स्टेटस बता दें, उसके बाद पॉलिटिकल मामलों में टिप्पणी करें.
नेताम को नोटिस-फोटिस फर्क नहीं पड़ता –
कांग्रेस के अरविंद नेताम और अमरजीत सिंह चावला को नोटिस के मामले में पूर्व मंत्री ने कहा कि यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है. मैं जहां तक व्यक्तिगत तौर पर समझता हूं, अरविंद नेताम कांग्रेस के नहीं, आदिवासी समाज के ही नहीं, वरन् छत्तीसगढ़ के सबसे वरिष्ठ नेताओं में शुमार किए जाते हैं. उनका अपना एक अलग स्टेटस है, और छत्तीसगढ़ में अलग सम्मान है. वह राजनीति के उस स्थिति में पहुंच गए हैं कि कारण बताओ नोटिस-फोटिस उनके लिए काम नहीं करता.
अनुशासन और कांग्रेस का कोई संबंध नहीं –
उन्होंने कहा कि दूसरे जो महामंत्री हैं वह महासमुंद से रायपुर स्थापित किए गए हैं. विवादित और जातिगत टिप्पणियों के कारण. यह कांग्रेस का स्वभाव है. देख लेना उसके ऊपर कुछ नहीं होगा. कांग्रेसी संस्कारों का प्रदर्शन है. अनुशासनहीनता नाम की कोई चीज नहीं है. कांग्रेस में कहां से अनुशासन आ जाएगा. धमतरी में कांग्रेस के जनपद अध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव से सताया गया. भाजपा के अविश्वास प्रस्ताव दे तो समझ में आता, तो अनुशासन और कांग्रेस का कोई संबंध नहीं है.
दो-दो लाइन का बयान ही देते रहेंगे –
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने काम से संतुष्ट नहीं होने वाले बयान पर अजय चंद्राकर ने कहा कि उनके बारे में टिप्पणी करना बेकार है. अब क्या वह दो-दो लाइन का बयान ही देते रहेंगे और अपमान झेलते भी रहेंगे. कुछ कदम उठाएं, उनके पास जो व्यापक जनाधार है, व्यापक पहुंच है. परिवार का एक समृद्ध इतिहास है. बयान देकर वह सब को खुद ही खराब कर रहे हैं, इसलिए बयान देना बंद करके कुछ करें, अगर उनके मन में पीड़ा है तो, नहीं तो शरणागति की भक्ति स्वीकार करें.
महाधिवेशन में जनाधार खो चुके नेता देंगे जीतने का मूलमंत्र –
अजय चंद्राकर ने कांग्रेस के नया रायपुर में होने वाले महाधिवेशन को लेकर कहा कि 24, 25 को 26 फरवरी को प्रस्तावित अधिवेशन में सब लुटे-पिटे नेता आ रहे हैं, जिनका अपने राज्यों में कोई जनाधार नहीं है. जितने बड़े नेता हैं, वह सब चुनाव हार चुके हैं, और यहां आकर जीतने का मूल मंत्र देंगे. पहले वो लोग अपने राज्य में अपने करिश्माई का व्यक्तत्व कर ले. फिर यहां आकर फोकट का खाना खाएं, वसूली के पैसे का, लेवी के पैसे का. यह समझने की बातें हैं.