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स्पेशल स्टोरी : छत्तीसगढ़ी संस्कृति के रंग से रंगे ब्रीफकेस से निकला भरोसे का बजट

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट प्रस्तुत किया। बजट प्रस्तुत करने हेतु मुख्यमंत्री द्वारा जिस ब्रीफकेस का उपयोग किया गया है, उसमें छत्तीसगढ़ी सभ्यता, संस्कृति और छत्तीसगढ़ सरकार की परंपरा एवं संस्कृति के प्रति प्राथमिकता की झलक देखने को मिलती है। बजट ब्रीफकेस की डिजाइन सुदूर वनांचल क्षेत्र की विश्व विख्यात भित्तिचित्र कला द्वारा तैयार किया गया है। बजट ब्रीफकेस के फ्रंट साइड में छत्तीसगढ़ महतारी का भित्ति चित्र बनाया गया है, जो कि मुख्यमंत्री के छत्तीसगढ़ महतारी के प्रति आस्था और प्रेम को दर्शाता है, साथ ही यह संदेश भी देता है की बजट छत्तीसगढ़ महतारी की ममता के समान सभी व्यक्ति के लिए एक समान ममतामयी है। ब्रीफकेस के दूसरी तरफ मां कामधेनु की छवि अंकित है जिसमें बछड़े को दूध पिलाती हुई गाय दर्शायी गई है जो नागरिकों के प्रति सरकार के स्नेह को दर्शाती है।

ऐसे तैयार किया गया बजट ब्रीफकेस- बजट ब्रीफकेस में अंकित भित्ति चित्र छत्तीसगढ़ के शहरी गौठान में निर्मित गोबर पेंट से बनाया गया है। राज्य के 2 शहरों रायपुर एवं अंबिकापुर में में स्थित शहरी गौठान में गोबर पेंट का निर्माण का व्यवसायिक उत्पादन प्रारंभ किया गया है। गौठान में निर्मित इमल्शन में वाटर कलर पिगमेंट मिलाकर यह कलाकृति सरगुजा के ग्राम सुखरी के भित्ति चित्र कलाकार द्वारा तैयार की गई है। कलाकृति युक्त गोबर पेंट से निर्मित भित्ति चित्र वाले बजट पर ब्रीफकेस को तैयार करने में 15 दिन का समय लगा है एवं 09 विभिन्न रंगों का प्रयोग कलाकार द्वारा किया गया है।

यह बजट ब्रीफकेस छत्तीसगढ़ राज्य की वर्तमान प्राथमिकताओं को दर्शाने में कामयाब रहा है राज्य शासन की प्राथमिकताओं में गौठान को केंद्रित करते हुए ग्रामीण एवं शहरी आजीविका पार्क खोले जा रहे हैं एवं छत्तीसगढ़ की संस्कृति और कला सरकार की प्राथमिकताओं का विषय भी रहा है, गौठानों में निर्मित यह गोबर पेंट विश्व विख्यात हो रहा है, साथ ही सरगुजा का भित्ति चित्र भी विश्व विख्यात है, यह सरकार की प्राथमिकताओं को प्रदर्शित करता है। विगत वर्षों मुख्यमंत्री जी द्वारा कोसा, बस्तर आर्ट, गोबर के ब्रीफकेस आदि का उपयोग बजट ब्रीफकेस में किया गया है ।

भित्ति चित्र एक ऐसी परम्परा है जो छत्तीसगढ़ी संस्कृति को प्रदर्शित करती है। रजवार भित्ति चित्र कला के माध्यम से प्रकृति व ग्रामीण परिवेश को दर्शाया जाता है। इसमें प्लाइवुड, नारियल रस्सी, मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है,आखिरी में नेचुरल कलर्स से पेंट किया जाता है। गोबर से पेंट बनाने में 30 प्रतिशत गोबर का प्रयोग किया जाता है, गोबर से तैयार घोल को ब्लीच कर पेंट तैयार करने हेतु कुछ अन्य घटक मिलाकर बेस इमल्सन तैयार होता है, जिसमे पिगमेंट मिलाकर किसी भी कलर का इमलसन, डिस्टेंपर तैयार किया जाता है।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

Ashok Kumar Sahu

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