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छत्तीसगढ़ बड़ी खबर : शिक्षकों को जीपीएस से कनेक्ट करने का आदेश वापस, हाईकोर्ट में लगाई गई थी याचिका

बिलासपुर। हाजिरी के नाम पर शिक्षकों के मोबाइल फोन में जीपीएस कनेक्ट कर पल-पल की जानकारी रखने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इस पर जारी नोटिस के जवाब में राज्य शासन ने आदेश वापस लेने और जिला शिक्षा अधिकारी पर कार्रवाई करने की जानकारी दी। हाई कोर्ट ने जवाब मिलने के बाद याचिका निराकृत कर दी है।

मुंगेली जिले के शिक्षा अधिकारी ने सभी 500 स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए उनके मोबाइल फोन को जीपीएस से कनेक्ट कर दिया था। उन्हें भिलाई की एक निजी कंपनी द्वारा संचालित ऐप डाउनलोड कराया गया था जिसमें सुबह 10 बजे और शाम 4 बजे क्यूआर कोड स्कैन कर उपस्थिति दर्ज करनी पड़ती थी। मगर इस ऐप के डाउनलोड करने के बाद शिक्षकों के मूवमेंट की प्रत्येक जानकारी ऐप में दर्ज हो रही थी। शिक्षकों के फोन पर लगातार बिजनेस कॉल आने लगे थे। छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ मुंगेली के जिला अध्यक्ष मोहन लहरी ने इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडे और बीईओ उमेद लाल जायसवाल से की। शिक्षकों ने यह ऐप बंद करने की मांग की। मगर, ऐसा न कर उन शिक्षकों को ही कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया गया।

इससे व्यथित होकर शिक्षकों के संगठन ने अधिवक्ता रत्नेश कुमार अग्रवाल के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इसमें बताया गया कि हाजिरी के नाम पर उनके मोबाइल फोन को जीपीएस से कनेक्ट कर दिया गया है जिससे शिक्षक जहां भी जाते हैं डीईओ को मोबाइल पर सीधे जानकारी मिल रही है। यह उनकी निजता का हनन है।

याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव मुंगेली के कलेक्टर जिला शिक्षा अधिकारी और पथरिया के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। शासन की ओर से जवाब प्रस्तुत कर हाई कोर्ट में बताया गया कि उक्त ऐप के लिए विभाग से कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने स्तर पर यह व्यवस्था की थी, अब इसे बंद कर दिया गया है। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी को हटा दिया गया है और उन पर विभागीय कार्रवाई की जा रही है।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

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