
रायपुर। छत्तीसगढ़ में नवंबर-दिसंबर 2023 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के पहले सीटों और प्रत्याशियों को लेकर किए जा रहे पार्टियों के अंदरूनी सर्वे बाहर आने लगे हैं। इसी के हवाले से राजनीतिक दलों के जिम्मेदार बयानबाजी भी कर रहे हैं। कांग्रेस-भाजपा दोनों ही पार्टियों ने जीतने वाले उम्मीदवारों पर ही दांव लगाने निर्णय लिया है। दोनों पार्टियों के ऐसे उम्मीदवारों की टिकट पर खतरा मंडरा रहा है, जो वर्तमान में विधायक हैं परंतु उनका प्रदर्शन खराब है। दोनों पार्टियों के प्रभारी नेताओं ने पिछले दौरे में इस बात के संकेत साफ तौर पर दे दिए हैं कि स्वयं के बजाय पहले पार्टी को प्राथमिकता में रखें। विधायक हों या बड़े नेता सभी को पार्टी की बात माननी होगी। टिकट वितरण में नए चेहरों को जगह मिल सकती है।
भगत ने कहा- मैं फाइनल अथारिटी नहीं –
कांग्रेस विधायकों की टिकट कटने के प्रश्न पर पत्रकारों से चर्चा में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि मैं फाइनल अथारिटी नहीं हूं। यह हाईकमान का विषय है। हाईकमान सब काम करेगा, जिससें सरकार दोबारा बने स्वाभाविक प्रक्रिया है, सतत प्रक्रिया है, जीतने वाले घोड़े पर ही दांव लगाया जाता है। पार्टी स्टेटस बना रही है, इसमें गलत क्या है। अमरजीत भगत ने अगले चुनाव के लिए मूछों को दांव पर लगाया है कि यदि सरकार नहीं आई तो मूंछ मुंडवा देंगे। इस सवाल के जवाब में हमारी सरकार ने काम किया है। युवा, महिलाएं, आदिवासी सभी के लिए। हमें उम्मीद है कि इसका परिणाम आने वाले विधानसभा चुनाव में मिलेगा।
कांग्रेस अपनी चिंता करें : चंद्राकर –
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कितनी सीट जीतेगी इसकी चिंता करनी चाहिए। किसकी टिकट कटेगी इसकी चिंता बाद में करनी चाहिए। विधानसभा चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। मैंने विधानसभा में पहले ही कह दिया है कि 18 दिसंबर के बाद कांग्रेसी भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाएंगे।
कांग्रेस के 35 प्रतिशत टिकटों पर तलवार –
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 75 से अधिक सीटों का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके लिए सभी तरह के प्रयोग किए जा सकते हैं। यह बात भी सामने आ रही है कि कमजोर प्रदर्शन करने वाले लगभग 35 प्रतिशत विधायकों की टिकट खतरे में है। कांग्रेस ने जिन विधायकों के प्रदर्शन के बारे में बात की है, उनमें से ज्यादातर नए विधायक हैं। कुछ क्षेत्रों में पुराने नेता और विधायक भी शामिल हैं। कांग्रेस को प्रदर्शन की जानकारी सर्वे और गोपनीय रिपोर्ट से प्राप्त हुई हैं।
भाजपा में 40 प्रतिशत विधायक हो सकते हैं बाहर –
इसी महीने प्रदेश दौरे के दौरान प्रदेश भाजपा प्रभारी ओम माथुर ने साफ कर दिया कि भाजपा में लगभग 40 प्रतिशत चेहरे बदले जा सकते हैं। यानी आने वाले विधानसभा चुनाव में सिर्फ 60 प्रतिशत विधायकों को ही टिकट मिलेगा, बाकी सभी नए चेहरे होंगे। जिन चेहरों पर दांव लगाया जा रहा है वह जीतने वाले ही होंगे।
राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले मिले फीडबैक –
कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले कांग्रेस की छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा ने एक-एक विधायकों के साथ लंबी चर्चा की। इसमें मंत्रियों और विधायकों के बीच तालमेल नहीं होने के साथ ही विधायकों के खराब प्रदर्शन पर फटकार भी लगाई जा चुकी है।