
रायपुर। शराब घोटाले की जांच पर सुप्रीम कोर्ट से बहुत बड़ी खबर आ रही है। मामले की ईडी जाँच पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। उल्लेखनीय है कि, कारोबारी अनवर ढेबर, विशेष सचिव एपी त्रिपाठी, नीतेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लन की गिरफ़्तारी इस मामले में हो चुकी है।
पिछली सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने आरोप लगाया था कि, जांच एजेंसी “परेशान कर रही है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राज्य में कथित 2,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने की कोशिश कर रही है।
राज्य सरकार ने जस्टिस एसके कौल और जस्टिस ए अमानुल्लाह की पीठ के समक्ष आरोप लगाया कि, राज्य आबकारी विभाग के कई अधिकारियों ने शिकायत की है कि, ईडी उन्हें और उनके परिवार को धमकी दे रही है और गिरफ्तारी का भय दिखाया जा रहा है। मुख्यमंत्री को फंसाने की कोशिश की जा रही है।
सरकार ने दावा किया कि, अधिकारियों ने कहा है कि, वे विभाग में काम नहीं करेंगे। सरकार ने कहा था कि, ईडी प्रताड़ित और परेशान कर रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ को बताया कि ED के अफसर राज्य के आबकारी अधिकारियों को धमका रहे हैं। यह चौंकाने वाली स्थिति है, अब चुनाव आ रहे हैं और इसलिए ऐसा किया जा रहा है।
ईडी की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि एजेंसी राज्य में केवल इस घोटाले की जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में अनवर ढेबर की अलग-अलग दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। अनवर की तरफ से पीएमएलए की धारा 50 को चुनौती दी गई है, इसमें ईडी किसी को भी बिना कारण बताए पूछताछ के लिए बुलाने का प्रावधान है।