कोरबा : गुरुवार की रात हुई तीव्र बारिश के बाद कोरबा शहर में स्थिति गंभीर हो गई है। भारी वर्षा के कारण गेवरा कोयला खदान में पानी का सैलाब आ गया, जिससे कई वाहन दब गए और उत्पादन पर गहरा असर पड़ा है।
पानी की चपेट में आए वाहन और खदान कार्य
बारिश के कारण शहर की कई निचली बस्तियों में पानी भर गया, जिससे लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कोयला खदानों में भी काम प्रभावित हुआ। खासकर एसई सीएल के कुसमुंडा खदान में कर्मचारियों को सुबह की पाली में खदान तक पहुंचने में कठिनाई हुई, क्योंकि प्रवेश द्वार में पानी भर गया था।
गेवरा खदान में स्थिति और भी चिंताजनक रही। ओवरबर्डन (मिट्टी और पत्थर) के साथ पानी का सैलाब निजी ट्रांसपोर्ट कम्पनी के कैंप ऑफिस में बहकर आया, जिसमें कई डंपर और लोडर दब गए। हालांकि, जनहानि की कोई सूचना नहीं है, लेकिन खदान के उत्पादन में 65 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक है।
अतीत की त्रासदी और वर्तमान स्थिति
चार साल पहले कुसमुंडा खदान में भी इसी तरह का जलजला आया था, जिसमें खदान अधिकारी जितेंद्र नागरकर की मौत हो गई थी। उस घटना ने खदान की सुरक्षा व्यवस्था और आपातकालीन प्रबंधन पर सवाल उठाए थे।
वर्तमान में, गेवरा खदान की स्थिति को लेकर अधिकारियों द्वारा राहत कार्य जारी है। प्रभावित वाहनों और खदान में सुधार के लिए आपातकालीन उपाय किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के प्रयास तेज किए जा रहे हैं और उत्पादन में सुधार के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।