एसईसीएल में भू-स्वामियों की रोजगार स्वीकृति में आई तेज़ी : वर्ष 24-25 में अब तक 337 लोगों को मिली नौकरी
रिपोर्टर सुशील तिवारी
देश की सबसे बड़ी कोयला कंपनियों में शामिल एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) भू-स्वामियों के रोजगार की दिशा में बड़े स्तर पर काम कर रही है। चालू वित्तीय वर्ष में अप्रैल माह से अब तक एसईसीएल ने 337 भू-स्वामियों को रोजगार स्वीकृति प्रदान की है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि की तुलना में 30% की बढ़ोत्तरी को दर्शाता है।
एसईसीएल ने संवेदनशील और संवादशील प्रबंधन के मंत्र के साथ भू-स्वामियों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अब तक अप्रैल 2022 से 1748 भू-स्वामियों को रोजगार स्वीकृति प्रदान की है। वित्तीय वर्ष 22-23 में कंपनी ने 704 भू-स्वामियों को और पिछले वित्तीय वर्ष 23-24 में 707 भू-स्वामियों को रोजगार प्रदान किया, जो पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक है।
कोल इंडिया ने वर्ष 2026-27 तक 1 बिलियन टन कोयले के उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसमें एसईसीएल को 250 मिलियन टन का उत्पादन करना होगा। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए खदानों की वर्तमान उत्पादन क्षमता को बढ़ाना और भूमि-अधिग्रहण की प्रक्रिया को सरल और तेज़ बनाना आवश्यक है। इसी दिशा में एसईसीएल भू-स्वामियों को त्वरित रोजगार और समुचित पुनर्वास के लिए निरंतर प्रयासरत है।
एसईसीएल की मेगा परियोजनाओं, जैसे गेवरा, दीपका और कुसमुंडा में विशेष आर एंड आर पैकेज लागू किए गए हैं, जिनमें भू-स्वामियों को बेहतर मुआवजा मिल रहा है। इन पहलों के सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। हाल ही में जारी विश्व की टॉप 10 खदानों की लिस्ट में एसईसीएल की गेवरा और कुसमुंडा खदानों को क्रमशः दूसरा और चौथा स्थान मिला है। पिछले वित्तीय वर्ष में गेवरा ने 59 मिलियन टन और कुसमुंडा ने 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन दर्ज किया था, और गेवरा को 70 मिलियन टन की पर्यावरण स्वीकृति भी मिल चुकी है, जिससे यह दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खदान बनने की ओर अग्रसर है।
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