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तिरुमला लड्डू विवाद : धर्माचार्यों को सौंपा जाए मंदिरों का प्रबंधन, प्रसादम में मांस मिलावट, शंकराचार्य ने की कड़ी सजा की मांग

डेस्क। आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू द्वारा भगवान् तिरुपति के प्रसाद में अपवित्र घटक मिलाए जाने के खुलासे के बाद हिन्दू आहत हैं। इस मामले को लेकर परमाराध्य’  परमधर्मधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती “1008” महाराज ने नाराजगी जताई हैं।

उन्होंने कहा कि समाचार रिपोर्ट के अनुसार, आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू ने खुलासा किया है कि 2019-2024 की अवधि के दौरान, तिरुमाला लड्डू पटिया सामग्री से बनाए गए थे। उन्होंने घी के बजाय पशु वसा का इस्तेमाल किया। पशु में गोमांस मछली का तेल शामिल थे। उनके द्वारा इस अवधि में मन्दिर के धन के लूट का भी आरोप लगाया गया है।

इस समाचार के आते ही करोड़ों हिन्दुओं की आस्था पर कड़ी चोट लगी है। यह हिन्दुओं को धर्मभ्रष्ट करने की बड़ी चाल लगती है जो समस्त हिन्दू समुदाय के विरुद्ध एक योजनाबद्ध हो सकता है। यह तो है ही कि उपरोक्त सभी आरोप जांच के योग्य हैं। शंकराचार्य ने दोषियों के लिए संविधान और कानून के अनुसार कड़ी सजा की मांग की हैं।

शंकराचार्य ने कहा कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करें और न्यायालय अभियोग का त्वरित निस्तारण करते हुए दण्डित करें। वही शीघ्र सनातनधर्म के सभी मन्दिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त किए जाने चाहिए। मंदिरों पर गैर-हिन्दुओं का शासन हो गया है और इसने ज़बरदस्त ईशा-निंदा और अपवित्र कृत्यों को जन्म दिया है।

शंकराचार्य पीठ हिन्दुओं के साथ होने वाले इस घोर छल और भेदभाव का कड़ा विरोध करती है और मांग करती है कि हिन्दू समाज को बिना किसी सरकारी हस्तक्षेप या नियन्त्रण के अपने सभी मंदिरों की सुरक्षा, प्रशासन और सञ्चालन की शक्ति वापस दी जाए। कम से कम मन्दिर का धार्मिक प्रबन्धन तो किसी दशा में धार्मिकों के ही हाथ में रहने चाहिए।

मन्दिरों का प्रबन्धन धर्माचार्यों के हाथ में दिये जायें –

शंकराचार्य ने कहा कि हिंदुओं को छल पूर्वक निषिद्ध गोमांस भक्षण करवा कर उनको धर्मच्युत कर उनके परलोक को बिगाड़ने का प्रयास किया गया। यह हिन्दुओं के धार्मिक स्वतन्त्रता के अधिकार का सरकारी तन्त्र की मिलीभगत से हनन का घोर निन्दनीय कार्य कार्य हैं। इसलिए जल्द ही मन्दिरों का प्रबन्धन धर्माचार्यों के हाथ में दिया जाएं।

षड्यन्त्र को सामने लाने के लिए चन्द्रबाबू नायडू का अभिनन्दन-

हिन्दुओं के साथ हो रहे इतने बडे षड्यन्त्र का पर्दाफाश करने और हो रही अनीति को रोकने के लिये आन्ध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्र बाबू नायडू का अभिनन्दन करते हैं और आशा करते हैं कि हिन्दू समाज के साथ इतना बड़ा धोखा करने वालों के विरुध्द हिन्दू समाज की लड़ाई में भी उनका साथ मिलेगा।

बद्रीनाथ मंदिर भी जा रहा तिरुपति की राह –

जिस तरह तिरुपति मन्दिर सरकारी तन्त्र में फँसकर आज इतने बडे हिन्दू विरोधी कार्य के लिये चर्चा में है ठीक उसी तर्ज़ पर बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति भी आगे बढ़ रही है। समिति ने बद्रीनाथ भगवान का भोग प्रसाद बनाने और पूजा आदि धार्मिक कृत्यों को सँभालने के लिये हज़ारों वर्षों से आदि शङ्कराचार्य द्वारा नियुक्त डिमरी समुदाय के पवित्र कुल को परे धकेलते हुये सीधी भर्ती का नियम पारित किया है, जिससे यह भय उत्पन्न हो गया है कि जाने कौन नियुक्त होकर जाने क्या बनाने, भोग लगाने और प्रसाद बँटवाने लग जायेगा।

गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन सही –

घटना के संज्ञान में आने से हमारी परसों अयोध्या से आरम्भ होकर 36 दिनों की 36 प्रदेशों की गोप्रतिष्ठा ध्वजस्थापना भारत यात्रा का औचित्य भी सिद्ध हुआ है कि यदि गायें सुरक्षित होंगी तो हमें घी मिलेगा और मारी जायेंगी तो चर्बी मिलेगी।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

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