
रायपुर। पटवारियों से किए वादे को पूरा न कर पाने पर सरकार घिर गई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने वर्ष 2020 में पटवारियों की क्रमिक हड़ताल के समय सभी मांगों पर विचार का वादा किया था। उस समय पटवारियों ने अपनी हड़ताल को खत्म कर दिया था। अब चुनावी वर्ष में पटवारियों ने आरपार का आंदोलन छेड़ दिया है, जिसका कोई तोड़ सरकार नहीं निकाल पा रही है।
राजस्व पटवारी संघ और राजस्व सचिव के बीच हुई वार्ता विफल होने के बाद आंदोलनरत पटवारियों ने तय किया है कि जब तक उनकी सभी मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। पटवारी संघ के प्रांताध्यक्ष ने कहा कि भागवत कश्यप ने कहा कि सरकार अगर मांग को नहीं मानती है, तो अनशन और भूख हड़ताल करेंगे। वहीं, राजस्व सचिव एनएन एक्का ने कहा कि पटवारियों की मांगों पर विचार किया जा रहा है। वह काम पर लौटें।
छत्तीसगढ़ के करीब 4500 पटवारी बीते एक माह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी हड़ताल से राजस्व संबंधी कामकाज ठप पड़ गया है। बंटवारा, सीमांकन, नामांतरण आदि के करीब डेढ़ लाख प्रकरण अटक गए हैं। भूमि की रजिस्ट्री में तीस प्रतिशत तक की कमी आई है। स्कूलों-कालेजों में प्रवेश चल रहा है, चुनावी वर्ष में सरकारी नौकरियों के करीब 25 हजार पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया चल रही है। पटवारियों की हड़ताल से आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं।
सरकार पटवारियों को मनाने का प्रयास कर रही है, परंतु पटवारी राजी नहीं हैं। उनका कहना है कि सरकार ने जो वादा किया था, उसे पूरा नहीं किया। पटवारी वेतन विसंगति समाप्त करने, वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन, मेडिकल व अन्य भत्तों की मांग कर रहे हैं। पटवारियों की हड़ताल से जनता त्रस्त है और आक्रोश बढ़ रहा है। सरकार ने हड़ताल तोड़ने के लिए एस्मा लगाया परंतु उसका भी कोई असर नहीं हुआ है।