
रायपुर। पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने उनके, और पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के केस की जांच राज्य के एजेंसी ईओडल्यू-एसीबी से ट्रांसफर कर सीबीआई को सौंपने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है।
चीफ जस्टिस डीवाय चंद्रचुड़ की पीठ में प्रकरण की सुनवाई हुई। पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह, और उनकी पत्नी यास्मिन सिंह ने आय से अधिक संपत्ति केस की ईओडब्ल्यू-एसीबी की जांच को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ दुर्भावनावश केस दर्ज किया गया है, और जांच कर रही है। उन्हें झूठा फंसाने की कोशिश की जा रही है। याचिकाकर्ता ने निष्पक्ष जांच के लिए प्रकरण सीबीआई को सौंपने का आग्रह किया।
इसका ईओडब्ल्यू-एसीबी के वकील कपिल सिब्बल ने प्रतिवाद किया, और कहा कि जो तर्क याचिकाकर्ता की तरफ से दिए जा रहे हैं। उस पर सुप्रीम कोर्ट में पहले भी बहस हो चुकी है। सिब्बल ने याचिकाकर्ता के आरोपों को सिरे से खारिज किया, और कहा कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के सबूत मिल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जांच से बचने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद चीफ जस्टिस की पीठ ने प्रकरण पर हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। उन्होंने याचिका खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता अमन सिंह की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी, और पी सुंदरम ने पैरवी की।
उल्लेखनीय है कि आय से अधिक संपत्ति, और उगाही के केस में फंसे जीपी सिंह भी अपने खिलाफ चल रहे प्रकरण पर कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। उन्होंने भी अपने खिलाफ चल रहे प्रकरणों को सीबीआई को सौंपने का आग्रह किया था। कोर्ट ने जीपी सिंह के केस में सीबीआई, राज्य सरकार और केंद्र से 8 हफ्ते में जवाब मांगा है।