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छत्तीसगढ़ बड़ी खबर : धान पर घमासान, भाजपा कांग्रेस आमने सामने ..

रायपुर। छत्तीसगढ़ की पहचान धान के कटोरा के रूप में हैं। जाहिर हैं चुनावी साल में राजनीतिक दल एक बार फिर धान और किसान को साधने में जुट गये हैं। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सें 86.5 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने का फैसला किया हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र के इस फैसले को बीजेपी जहां मास्टर स्ट्रोक बनाकर सियासी पीच पर खेलना चाहती हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अंतरराष्ट्रीय हालात के दबाव के कारण केंद्र सरकार द्वारा ये फैसला लेने की दलील दी जा रही हैं। मतलब साफ हैं चुनावी साल में राजनीतिक दल केंद्र और राज्य के फैसलों की दुहाई देकर खुद का अन्नदाता का हितैषी बताने में जुटी हुई हैं।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका हैं। राजनीतिक दल चुनावी बिसात पर शह और मात के लिए मोहरे सजाने में जुट गये हैं। ऐसे में धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में एक बार फिर धान और किसान का मुद्दा गरमाने लगा हैं। सत्ताधारी कांग्रेस जहां धान का समर्थन मूल्य के साथ ही प्रति एकड़ 20 क्वींटल धान खरीदी का फैसला लेकर खुद को अन्नदाता का हितैषी बता रही हैं। वहीं छत्तीसगढ़ से केंद्र सरकार के चावल खरीदी के फैसले को अब बीजेपी मास्टर स्ट्रोक के रूप में चुनावी पीच में खेलने को तैयार हैं। गौरतलब हैं कि हाल ही में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से 86.5 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने का फैसला लिया हैं।

जाहिर हैं केद्र सरकार द्वारा इतने बड़े पैमाने पर चावल की खरीदी की जायेगी तो इसका सीधा फायदा प्रदेश के अन्नदाता को होगा। लेकिन चुनावी साल में लिए गये इस फैसले को लेकर अब बीजेपी पूरे प्रदेश में अभियान चलाएगी। जिसमें किसान मोर्चा अलग-अलग जिलों में किसानों तक पहुंचकर केंद्र सरकार के फैसले की जानकारी देगी, यहीं नही किसानों से बकायदा धन्यवाद पत्र भी भरवाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भिजवाया जायेगा। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार प्रदेश के किसानों की भलाई को ध्यान में रखकर ये फैसला किया है।

इस फैसले की वजह से प्रदेश के किसानों की दिवाली खुशहाल होगी। बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार हमेशा झूठे बयानों से किसानों को गुमराह करने का काम कर रही है। उधर केंद्र सरकार के इस फैसले पर सूबे के मुखिया भूपेश बघेल ने पलटवार किया हैं। उन्होने कहा कि जब हम लोग झोली फैला कर गए थे, तब हमारा चावल नहीं खरीदा गया। केन्द्र सरकार अब छत्तीसगढ़ से 86.5 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदेगी। केन्द्र ने राज्य को कस्टम मिलिंग के लिए सहमति पत्र भेजा है।

जिसे लेकर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि पहले 23 लाख मीट्रिक टन खरीदे फिर 26 लाख और बाद में 33 लाख मीट्रिक टन किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी के दांवो को खारिज करते हुए बताया कि आज पूरी दुनिया में चावल और गेहूं की कमी हो गई है। अंतरराष्ट्रीय हालात के दबाव के कारण केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया है। खैर छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में अब महज 3 महीने का ही वक्त शेष रहा गया हैं। ऐसे में राजनीतिक पार्टियां और राजनेता जहां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की झड़ी लगाये हुए हैं। वही दूसरी तरफ सूबे में धान और किसान को लेकर सियासत तेज हो गयी हैं। ऐसे में इस सियासी दाव-पेंच में किसे कितना फायदा होता हैं, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

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