NHM हड़ताल: झारखंड के कर्मियों का समर्थन, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। लंबे समय से जारी इस हड़ताल के बीच अब स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा अल्टीमेटम जारी किया है। विभाग ने साफ कहा है कि अगर कर्मचारी 16 सितंबर, मंगलवार तक काम पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी चेतावनी के मुताबिक, काम पर वापस नहीं लौटने वाले कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। विभाग ने कहा है कि उन्हें एक महीने का नोटिस देकर बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
प्रदर्शन हुआ और उग्र
विभाग की इस चेतावनी के बाद NHM कर्मियों ने अपने आंदोलन को और तेज कर दिया है। रायपुर के तूता धरना स्थल पर आज सैकड़ों कर्मचारी जुटे और जोरदार नारेबाजी की। कर्मचारियों ने साफ कहा कि वे किसी भी कीमत पर अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे।
क्या हैं कर्मचारियों की मांगें?
एनएचएम कर्मचारी लगातार यह मांग कर रहे हैं कि उनकी सेवाओं का नियमितीकरण किया जाए, वेतनमान बढ़ाया जाए और उन्हें स्थायी कर्मचारियों जैसी सुविधाएं दी जाएं। साथ ही, कामकाजी सुरक्षा और पदोन्नति के अवसर की भी गारंटी मांगी गई है।
सरकार बनाम कर्मचारी टकराव
जहां एक ओर स्वास्थ्य विभाग यह कह रहा है कि हड़ताल से आम जनता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं, वहीं कर्मचारी सरकार पर अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर लिखित आश्वासन नहीं दिया जाएगा, आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावित होने से आम मरीजों की परेशानी भी बढ़ रही है। अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि 16 सितंबर की समयसीमा बीतने के बाद सरकार और विभाग क्या कदम उठाते हैं और कर्मचारी किस रुख के साथ आगे बढ़ते हैं।




