
कबीरधाम। मोर आवास मोर अधिकार के तहत आज पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी रेंगाखार जंगल क्षेत्र का सघन दौरा किया। इस दौरान उन्होंने चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्या सुनी। उन्होंने घानीखुटा, भेलवाटोला, लोहारीडीह तीनो ग्राम पंचायत में चौपाल लगाई और जनता की समस्या सुनी। वही, भूपेश सरकार पर जमकर हमला बोला।
वही, जनता को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी ने कहा कि भाजपा के दबाव की वजह से संभव हो पाया है कि आवास निर्माण के लिए 10% राशि छत्तीसगढ़ सरकार ने जारी की हैं, ताकि अधूरा मकान है वह बन जाएं। भाजपा कलेक्ट्रेट घेराव कर बड़ा आंदोलन करने वाली थी। 10% की राशि काफी नहीं है, बल्कि 100% राशि सरकार को जारी करनी होगी।
आवास निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 60% की राशि दे दी है। राज्य सरकार को 40% देना होता है, वह सिर्फ 10% दे रही है। इससे कुछ नहीं होने वाला, इसलिए भाजपा आपके बीच आई हैं और आवेदन भी ले रही हैं। वही इस दौरान पूर्व विधायक ने मंत्री मोहम्मद अकबर पर भी कटाक्ष साधा और कहा कि सीएम के बाद मंत्री मोहम्मद अकबर ही पावरफुल नेता है। आपने उन्हें विधायक चुना हैं। उनकी जिम्मेदारी है कि वह आपको आवास निर्माण करा कर दें। जनता हमारी सर्वोपरि है। इसलिए भाजपा हर गांव में जाकर जनजागरण कार्यक्रम चला रही है।
मंत्री मोहम्मद अकबर को सरकार पर दबाव बनाकर आपके लिए आवास निर्माण कराना चाहिए। वही, एक मंत्री टीएस सिंहदेव भी हैं, जिन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा दे दिया क्योंकि 08 लाख लोगों को आवास नहीं मिला। भूपेश बघेल को केंद्र के मंत्रियों द्वारा चिट्ठी भी लिखा गया है कि आप लोगों को आवास के निर्माण के लिए पैसा जारी करिए। परंतु कोई जवाब नहीं मिला। भूपेश सरकार का 04 साल बीत चुका है, एक साल ही बचा है। जनता को सोच समझकर फैसला करना होगा।
मोर आवास मोर अधिकार में भाजपा आपसे वादा करती हैं कि 2011 की सूची में जितने नाम है उन्हें आवास जरूर ही मिलेगा। भाजपा की सरकार बनती है, तो 2011 की सूची, 2016 की सूची मैं जिनके भी नाम शामिल है उन्हें आवास की गारंटी भाजपा देती। अभी 8 लाख नाम है, उसके बाद 16 लाख हो जाएंगे। छत्तीसगढ़ में आवास नहीं बनने का मुख्य कारण कांग्रेस की सरकार हैं। भाजपा सरकार होती तो अधिकांश लोगों के पास आवास होता। कांग्रेस सरकार दोगली है, इसका उदाहरण हम सबके सामने हैं।
सीएम भूपेश बघेल हर चीज का इल्जाम डॉ. रमन सिंह पर लगा देते हैं, जबकि उनकी ही दाल काली है। तभी तो मुख्य सचिव सौम्या चौरसिया कोयला दलाली घोटाले के मामले में जेल में है। भूपेश सरकार ने 36 वादे किए थे, जिसमें से 26 उनके हिसाब से पूरा कर लिया है लेकिन एक भी ढंग से पूरा नहीं किया। कर्जा माफी सिर्फ जिला सहकारी बैंक का माफ हुआ हैं। जबकि हर बैंक का कर्जा माफी की बात उन्होंने की थी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। कर्ज भी आधा अधूरा माफ किया।
यानी कुल मिला कर भूपेश सरकार अपने हर वादे में फेल रही है। वक्त आ गया है कि जनता मिलकर कांग्रेस सरकार को आईना दिखाएं। आने वाले 2023 में यकीनन कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ेगी।