
रायपुर। अयोध्या के बाबरी मस्जिद फैसले पर दिए गए बयान को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव घिर गए हैं। उन्होंने कहा था कि “बाबरी मस्जिद फैसले पर किसी भी जज के हस्ताक्षर नहीं थे और यह अप्रिय स्थिति को खत्म करने के लिए लिया गया था।” भाजपा ने इस बयान को हिंदू विरोधी करार देते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर दिया।
बयान की सियासत –
टीएस सिंहदेव के बयान के बाद भाजपा ने उन्हें हिंदू विरोधी बताते हुए निशाना साधा। पार्टी ने उनके बयान को एक्स (ट्विटर) पर भी शेयर किया।
सिंहदेव की सफाई –
टीएस सिंहदेव ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि “मेरा बयान जानबूझकर दिया गया था। बाबरी मस्जिद के फैसले में किसी जज के दस्तखत नहीं थे, यह देश की अप्रिय स्थिति को खत्म करने के लिए लिया गया था।”
राम मंदिर पर पक्ष –
सिंहदेव ने स्पष्ट किया कि उन्होंने राम मंदिर निर्माण का विरोध नहीं किया और उनका बयान किसी धर्म के खिलाफ नहीं था।
कांग्रेस की एक बार फिर हिन्दू विरोधी मानसिकता सामने आई है, कांग्रेस के पूर्व उप-मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव हमारे आराध्य देव श्रीराम पर विवादित टिप्पणी कर रहे हैं। क्या यह सही है? pic.twitter.com/eKY0PenrYq
— BJP Chhattisgarh (@BJP4CGState) December 16, 2024
भाजपा का आरोप –
भाजपा ने सिंहदेव पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह बयान हिंदू विरोधी मानसिकता का परिचायक है।
2019 का फैसला –
सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में विवाद का निपटारा करते हुए राम मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया था और मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक जमीन देने का आदेश दिया था।
क्या है विवाद का असर? –
सिंहदेव के बयान के बाद राज्य में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है और कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने आ गई हैं। सिंहदेव का यह बयान आगामी राजनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।