छत्तीसगढ़रायपुर

बद्रीनाथ में गुमानीवाला से आई भगवान नागराज की डोली की विशेष पूजा अर्चना

भगवान नागराज हम सबके रक्षक, हर व्यक्ति को नागदेवता की करनी चाहिए पूजा अर्चना - शंकराचार्य जी

जोशीमठ/चमोली । देश से हर साल लाखों लोग उत्तराखंड स्थित बद्रीनाथ मंदिर पहुंचते हैं। यहां भगवान बद्री के दर्शन करते हैं। दर्शनार्थियों के लिए भगवान श्रीबद्रीनाथ के कपाट 27 अप्रैल 2023 को खोले गए जो अब 6 महीने दर्शन बाद 18 नवंबर 2023 तीर्थ-पुरोहितों की मौजूदगी में 3 बजकर 33 मिनट पर बंद किए जाएंगे।

इसके पूर्व आज प्रातः भगवान नागराज की डोली ज्योतिर्मठ में रात्रि विश्राम कर प्रातः प्रातः व्यवस्थापक विष्णुप्रियानन्द ब्रह्मचारी ने विधि-विधान से डोली की पूजा कर इस क्षेत्र के कल्याण की कामना की।

ऋषिकेश के गुमानीवाला से आई भगवान नागराज की डोली –

“परमाराध्य” परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर अनन्तश्रीविभूषित जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘1008’ महाराज ने ज्योतिर्मठ में रात्रि-विश्राम को ऋषिकेश के गुमानीवाला से आई भगवान नागराज की डोली भक्तों को दिया।

शंकराचार्य जी ने कहा –

शंकराचार्य ने कहा कि हिमालय की भूमि में सर्वत्र नई-नई परम्पराएं देखने को मिलती हैं। यहां पर सबके इष्ट भगवान बद्री विशाल के मंगलमय दर्शन के लिए देशभर के भक्तजन आते रहते हैं। ये तो सहज प्रक्रिया है आजकल, लेकिन यहां पर तो तत्तत स्थानों से चलकर देवताओं का श्रीविग्रह डोली रूप में स्वयं चलकर भगवान के दर्शन को सदा आते रहते हैं। यहीं हिमालय का वैशिष्ट्य है, जिस कारण सम्पूर्ण वसुधा में ये हिमालय अन्यतम है।

शास्त्रों में कहा गया है कि नाग देवता सदा हमारी रक्षा करते हैं। इस पृथ्वी को भगवान शेषनाग बनकर अपने मस्तक पर रखते हैं। ऐसे नागों की पूजा सदा सर्वदा व्यक्ति को अपने कल्याण की कामना से करना चाहिए।

इनकी रही मौजूदगी –

वही, भगवान नागराज की डोली ज्योतिर्मठ में रात्रि-विश्राम किया गया और प्रातः विधि-विधान से डोली की पूजा हुई व इस दौरान सभासद आरती उनियाल, महिमानन्द उनियाल, जगदीश उनियाल, मनोज गौतम और नवीन नेगी जी आदि की उपस्थिति रही।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!