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कबीरधाम बड़ी खबर : MCMC रखेगी पेड न्यूज पर निगरानी, मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति का गठन

कबीरधाम। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा आम निर्वाचन 2023 की घोषणा के बाद कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी जनमेजय महोबे की अध्यक्षता में जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति का गठन किया गया है।

कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक लेकर आयोग के दिशा निर्देशों से अवगत कराया। बैठक में नोडल अधिकारी प्रशिक्षण, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, उप जिला निर्वाचन अधिकारी ऋतुराज सिंह बिसेन और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

कलेक्टर महोबे ने बताया कि जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन व अनुवीक्षण समिति द्वारा प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रकाशित व प्रसारित होने वाले पेड न्यूज, भ्रामक न्यूज एवं फेक न्यूज की मॉनिटरिंग भी जाएगी। साथ ही अभ्यार्थियों और दल द्वारा जारी होने वाले विज्ञापनों पर नजर रखेगी।

राजनीतिक दल एवं अभ्यर्थियों को टेलीविजन चैनल या केबल नेटवर्क पर विज्ञापन जारी करने के पहले निर्वाचन आयोग द्वारा अधिकृत अधिकारी के समक्ष आवेदन करना होगा। इसके लिए राजनीतिक दलों व अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार के राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित एवं प्रसारित करने के पूर्व जिला स्तरीय समिति से प्रमाणन कराना जरूरी होगा।

उन्होने बताया कि निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशानुसार सभी प्रत्याशियों द्वारा सोशल मीडिया एकाउंट विवरण नामांकन दाखिल करते समय फार्म 26 अनुलग्न तीन में प्रस्तुत करना होगा। आदर्श आचार संहिता सोशल मीडिया पर भी लागू होती है। सोशल मीडिया विज्ञापन पर किया गया व्यय चुनाव व्यय से सम्मिलित किया जाएगा। इसके अलावा संदेश, टिप्पणी, फोटो विडियो, ब्लाग, या सेल्फ एकाउंट, बेबसाईट पर अभिप्रामणन की आवश्यकता नहीं है,लेकिन सोशल मीडिया पर आदर्श आचार संहिता लागू होगा। ई-पेपर पर राजीतिक विज्ञापन का अधिप्रमाणन आवश्यक है।

कलेक्टर ने बताया कि एमसीएमसी की टीम पेड न्यूज कि मानिटरिंग कर सत्यापन करते हुए व्यय लेखा के समक्ष प्रस्तुत करेंगी। एमसीएमसी पेड न्यूज के मामलों में अभ्यर्थी को नोटिस प्रदान किया जाएगा। उनका सही समय पर प्राप्त उत्तर संतोषजनक होने पर पेड न्यूज का प्रकरण निराकृत माना जाएगा। असंतोषजनक पाये जाने पर तथा जांच करने पर सही पाये जाने पर पेड न्यूज का खर्च उनके व्यय लेखा में जोड़ा जाएगा। निर्वाचन के दौरान भ्रामक एवं अनर्गल प्रचार-प्रसार तथा जाति-धर्म के आधार पर प्रकाशन नहीं होना चाहिए।

कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी या अन्य संस्था, व्यक्ति, मतदान के एक दिवस पहले बिना एमसीएमसी के प्रमाणीकरण के प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित नहीं करा सकेगा। सोशल मीडिया में संदेश, टिप्पणी, फोटो, वीडियो, ब्लाग या सेल्फ एकाउंट, वेबसाईट पर अधिप्रमाणन की आवश्यकता नहीं होगी। सोशल मीडिया विज्ञापन पर किया गया व्यय कंटेट, वेतन, इंटरनेट कंपनी को भुगतान चुनाव व्यय में सम्मिलित होगा। ई-पेपर पर राजनीतिक विज्ञापन का अधिप्रमाणन आवश्यक है।

आयोग के आदेशानुसार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन में टीवी, चैनल, केबल के साथ रेडियो, एफएम, चैनल, सिनेमाघरों में प्रसारित राजनीतिक विज्ञापनों को भी जोड़ा जाएगा। सोशल मीडिया में शांति भंग करने, सामाजिक सौहार्द्र बिगाडऩे, देश के संविधान और कानून के विपरीत, नैतिकता, सदाचार के विपरीत और किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाला कटेन्ट नहीं होना चाहिए। आदर्श आचार संहिता के विपरीत पाये जाने वाले किसी विज्ञापन को प्रकाशन, प्रसारण की अनुमति नहीं दी जाएगी।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.cgnnews24.com

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