
रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने आज कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में दस्तक दी, जिससे सियासी गलियारों में हलचल मच गई। कुछ देर की कार्रवाई के बाद ईडी अधिकारी वापस लौट गए, लेकिन कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू को तलब करते हुए समन जारी किया गया।
सूत्रों के मुताबिक, सुकमा और कोंटा में बने कांग्रेस कार्यालयों के निर्माण को लेकर ईडी जांच कर रही है। यह मामला पूर्व मंत्री कवासी लखमा से पूछताछ के दौरान सामने आया था, जिसमें दावा किया गया था कि शराब घोटाले के पैसों का इस्तेमाल कांग्रेस भवनों के निर्माण में किया गया है। इसी कड़ी में ईडी अब इन इनपुट्स की गहराई से जांच कर रही है।
चार बिंदुओं पर मांगी गई जानकारी –
ईडी ने कांग्रेस भवन निर्माण को लेकर इन सवालों के जवाब मांगे हैं :
सुकमा और कोंटा कांग्रेस कार्यालय के निर्माण कार्य की शुरुआत और समाप्ति की तारीख।
निर्माण कार्य में लगे ठेकेदारों के नाम और उनकी पूरी जानकारी।
भवन निर्माण में हुए कुल खर्च और खरीदी गई भूमि का पूरा विवरण।
निर्माण के लिए पैसा किन स्रोतों से आया?
कांग्रेस ने साधा निशाना, भाजपा ने किया पलटवार –
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने ईडी की इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना करार दिया। उन्होंने कहा कि “एक साल से केवल छापे डाले जा रहे हैं, लेकिन कुछ साबित नहीं हुआ।”
वहीं, गृहमंत्री विजय शर्मा ने जवाबी हमला करते हुए कहा, “जहां भ्रष्टाचार का पैसा लगा है, वहां ईडी की जांच जरूरी है। कांग्रेस को डरने की जरूरत नहीं, अगर वे निर्दोष हैं।”
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “शराब घोटाले से पूरा प्रदेश वाकिफ है। अगर कांग्रेस निर्दोष है, तो ईडी की कार्रवाई से डर क्यों? कानून सबके लिए समान है।”
पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने भी तंज कसते हुए कहा कि “ईडी ने तथ्यों के आधार पर रेड की है, दूध का दूध और पानी का पानी जल्द ही हो जाएगा।”
ईडी की इस कार्रवाई ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। अब देखना होगा कि जांच में क्या खुलासे होते हैं और यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है।