
रायपुर: आज, 21 अगस्त 2023 को छत्तीसगढ़ में एसटी और एससी संगठनों द्वारा आयोजित भारत बंद का व्यापक असर देखा गया, विशेष रूप से आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में। बंद का आह्वान प्रमुख रूप से आरक्षण नीति में बदलाव के विरोध में किया गया है। इस बंद का असर राज्य के विभिन्न जिलों में अलग-अलग रहा, जहाँ कुछ स्थानों पर पूरी तरह से शटडाउन देखा गया, वहीं अन्य स्थानों पर प्रभाव कम रहा।
बस्तर में गंभीर असर
बस्तर जिले में भारत बंद का सबसे अधिक असर देखने को मिला। सुबह से ही जिले के सभी बाजार बंद रहे और सड़क पर गाड़ियों का आवागमन ठप हो गया। ट्रांसपोर्टेशन सेवाओं की कमी के कारण नेशनल हाइवे पर ट्रकों की लंबी कतारें लग गई हैं। एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग के लोग सड़क पर उतरकर बंद का आह्वान कर रहे हैं। हालांकि, मेडिकल स्टोर्स, अस्पताल, पेट्रोल पंप, गैस स्टेशंस, और दूध की आपूर्ति जैसी आवश्यक सेवाओं को बंद से राहत दी गई है। पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर अतिरिक्त बल तैनात किया है और किसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार हैं।
कोंडागांव और कांकेर में भी प्रभावी बंद
कोंडागांव में भी भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला। सुबह से सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं और यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। सुरक्षा के मद्देनजर जिले में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। नगर में तकरीबन 150 सुरक्षा बलों को चौक-चौराहों पर तैनात किया गया है। सुरक्षा बलों ने शहर में फ्लैग मार्च भी किया है, जिससे स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखा जा सके।
कांकेर जिले में भी बंद को समर्थन प्राप्त हुआ है। चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भी बंद का समर्थन किया है, जिससे व्यवसायिक प्रतिष्ठान, स्कूल और कॉलेज सुबह 6 बजे से बंद हैं। सोशल संगठनों ने नेशनल हाइवे 30 को जाम कर दिया है, जिससे सड़कों पर आवागमन प्रभावित हुआ है। शाम 5 बजे तक बंद का असर जारी रहने की संभावना है।
धमतरी और दुर्ग भिलाई में मिला-जुला असर
धमतरी में भारत बंद का असर मिला-जुला रहा। शहर में अधिकांश दुकानें खुली रहीं और लोगों का आवागमन सामान्य रूप से जारी रहा। हालांकि, कुछ स्थानों पर दुकानें बंद रही और यातायात प्रभावित हुआ, लेकिन सामान्य दिन की तरह गतिविधियाँ जारी रही।
दुर्ग और भिलाई में भारत बंद का कोई खास असर नहीं दिख रहा है। सभी मार्केट और बाजार सामान्य रूप से खुले हुए हैं और जनजीवन सामान्य रहा। यहाँ पर बंद का विरोधी रुख देखने को मिला, जिससे बंद के प्रभाव को कम किया गया।
रायपुर और कबीरधाम में भी मिला-जुला असर
रायपुर में भारत बंद का असर मिला-जुला रहा। सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूल खुले रहे और छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स ने बंद का समर्थन नहीं किया। मार्केट सामान्य रूप से खुले रहे और आम दिनों की तरह आवागमन जारी रहा।
कबीरधाम में भी भारत बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला। छोटी दुकानें, होटल, और यात्री बसें सामान्य रूप से चल रही हैं, जबकि बड़े बाजार और दुकानें बंद रही हैं। जिला प्रशासन ने स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है और फ्लैग मार्च किया गया है।
सरगुजा और बिलासपुर में सीमित प्रभाव
सरगुजा जिले में भारत बंद का कोई खास असर नहीं देखने को मिला। आदिवासी बाहुल्य होने के बावजूद, स्कूल, कॉलेज, और दुकानें खुली रही हैं और सामान्य गतिविधियाँ जारी हैं।
बिलासपुर जिले में भी बंद का प्रभाव सीमित रहा। सभी निजी और सरकारी स्कूल खुले रहे और पुलिस ने सोशल मीडिया पर फैलाए गए लॉकडाउन के झूठे पोस्टर्स के खिलाफ एडवाइजरी जारी की है। पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और फर्जी सूचनाओं से दूर रहने का अनुरोध किया है।
जांजगीर चांपा में बंद का असर
जांजगीर चांपा में भारत बंद का प्रभाव देखा गया है। एससी, एसटी, और ओबीसी महासभा के आह्वान पर अनुसूचित और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग सड़कों पर उतरे हैं और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद करवा रहे हैं। निजी स्कूलों की गाड़ियाँ भी बच्चों को स्कूल नहीं पहुंचा पाई हैं।
समग्र रूप से, छत्तीसगढ़ में भारत बंद का असर विभिन्न जिलों में भिन्न-भिन्न रहा है, जहां कुछ स्थानों पर पूरी तरह से शटडाउन देखा गया, वहीं अन्य स्थानों पर सामान्य दिन की गतिविधियाँ जारी रहीं।