
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। अलग-अलग अभियानों में 18 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक और माओवादी दस्तावेज बरामद किए गए हैं। ये कार्रवाई बीजापुर और सुकमा जिलों में की गई।
बीजापुर में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी
पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की विशेष इकाई कोबरा बटालियन ने नक्सल विरोधी अभियान के तहत बीजापुर जिले के उसूर के गुंजेपरती गांव से 10 नक्सलियों को गिरफ्तार किया। उनके पास से विस्फोटक और नक्सली दस्तावेज मिले हैं।
इसके अलावा बासागुड़ा के राजपेंटा और सारकेगुड़ा गांवों के जंगलों से सात अन्य नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से दो टिफिन बम, कॉर्डेक्स वायर, बैटरी और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद हुई। भैरमगढ़ के चिहका गांव के जंगल से भी एक नक्सली पकड़ा गया, जिसके पास से टिफिन बम और विस्फोटक तार मिले।
सुकमा में चार नक्सली पकड़े गए, विस्फोट की थी साजिश
सुरक्षाबलों ने मंगलवार को सुकमा जिले से चार नक्सलियों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान रावा हदमा, वेत्ती आयता, बरसे भीमा और मदकाम कोसा के रूप में हुई है। इनके पास से 15 जिलेटिन छड़ें, दो इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर, आठ साधारण डेटोनेटर, कॉर्डेक्स वायर, एक कमांड स्विच और अन्य माओवादी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
गिरफ्तार नक्सली चिंतलनार इलाके में सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे। उनके इरादों को समय रहते नाकाम कर दिया गया।
पांच इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार दबाव बढ़ने के कारण छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में कुल 20 लाख के इनामी पांच नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
बीजापुर में तीन नक्सली – लक्खू करम, सुखराम अवालम और नरसू बोदू ने हथियार डाले। इनमें से दो पर 1-1 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में दो नक्सलियों ने समर्पण किया। इनमें महिला नक्सली कांता उर्फ कांताक्का (56) भी शामिल है, जिस पर 18 लाख रुपये का इनाम था।
झारखंड में दो पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल नक्सली गिरफ्तार
झारखंड के पलामू जिले में नक्सली उपेंद्र भुइंया को गिरफ्तार किया गया है। वह पिछले साल दो पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल था।
नक्सलवाद के खात्मे की ओर सरकार, 2026 तक उग्रवाद खत्म करने का लक्ष्य
गृह मंत्री अमित शाह पहले ही 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का ऐलान कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ में लगातार चल रहे अभियानों से संकेत मिल रहा है कि सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। सुरक्षाबलों की सक्रियता से नक्सली संगठनों पर दबाव बढ़ा है, जिससे बड़ी संख्या में नक्सली या तो मारे जा रहे हैं या आत्मसमर्पण कर रहे हैं।