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छत्तीसगढ़ बड़ी खबर : महिला यात्रियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार का बड़ा कदम, पढ़ें पूरी खबर …

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के यात्री बसों में महिलाओं एवं स्कूली बसों में छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए जीपीएस युक्त पैनिक बटन लगाने की तैयारी तेज हो चुकी है। इसके लिए राजधानी में निर्भया कमांड सेंटर बनाया जा चुका है। जुलाई महीने के भीतर वाहनों में पैनिक बटन लगाने की योजना है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 12 हजार बसें संचालित हो रही हैं, जो अलग-अलग रूट से प्रदेश के कोने-कोने तक जा रही हैं। इसी तरह राज्य में लगभग 6000 स्कूल बस भी संचालित है। इसके साथ ही 12 हजार परिवहन विभाग की बसें हैं। बसों में पैनिक बटन और जीपीएस के लगने से बसों की पल-पल की जानकारी मिलती रहेगी।

स्कूल बस, यात्री बसों में अनिवार्य, जुलाई महीने के भीतर लागू होगी योजना –

पैनिक बटन दबाने से बस में किसी प्रकार की दुर्घटना, छेड़छाड़ होने पर तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना मिल जाएगी। इसके साथ ही बसों का लोकेशन, स्पीड आदि का भी पता चलता रहेगा। इससे चालकों की मनमानी पर रोक लगने के साथ हादसे की आशंका भी कम हो जाएगी। जीपीएस सिस्टम का कंट्रोल रूम डायल 112 के कार्यालय में बनाया जा चुका है। परिवहन विभाग के सहायक आयुक्त शैलाभ साहू ने बताया कि इस व्यवस्था के शुरू होने से जनता को किसी तरह के खतरे तथा अनहोनी से निपटने में काफी सहूलियत होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए विभाग ने सुगम यातायात व्यवस्था के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे है।

स्कूली बसों में रूट मैप –

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नवीन व्यवस्था के तहत स्कूल बसों में रूट मैप रहेगा, ताकि निर्धारित रूट के अलावा स्कूली बस कहीं और जाएं तो आटोमेटिक अलर्ट आ जाएं। इसके लिए कंट्रोल रूम में शिफ्ट के हिसाब से चार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी जो लगातार सभी बस को मानिटर करते रहेंगे और इमरजेंसी की स्थिति में पुलिस विभाग को सूचित करेंगे।

इसलिए पड़ी जरूरत –

दिल्ली में हुए निर्भया प्रकरण के बाद से ही केंद्र सरकार ने महिला सुरक्षा की दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए थे, ताकि इस तरह के प्रकरण की पुनरावृत्ति न हो। इसी के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में निर्भया फंड के अंतर्गत सभी यात्री वाहनों को ट्रैक करने के लिए वाहनों में जीपीएस लगा कर व्हीकल ट्रैकिंग प्लेटफ़ार्म के माध्यम से ट्रैकिंग करने का निर्णय लिया गया। व्हीकल ट्रैकिंग साफ्टवेर को चिप्स के माध्यम से बनाया गया है और समस्त गाड़ी के लाइव ट्रैकिंग देखने और त्वरित कार्यवाही करने के लिए सिविल लाइंस रायपुर में स्थित डायल-112 भवन में ही कमांड और कंट्रोल सेंटर भी बनाया गया है।

छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग आयुक्त दीपांशु काबरा ने कहा, महिला यात्री एवं स्कूली छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर प्रदेश में चलने वाली निजी बसों में जीपीएस सिस्टम और पैनिक बटन लगाने का निर्णय लिया गया है। इससे बसों की पल-पल की जानकारी कंट्रोल रूम को मिलती रहेगी।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

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