
छत्तीसगढ़ की बड़ी खबर: अब प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा मेयर का चुनाव, साय सरकार ने कैबिनेट में लगाई मुहर
सुशील तिवारी
छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए मेयर और नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से करवाने की घोषणा की है। अब जनता सीधे वोट देकर अपने मेयर और अध्यक्ष का चयन करेगी।
इससे पहले, राज्य में अप्रत्यक्ष प्रणाली लागू थी, जिसमें पार्षदों के जरिए मेयर और अध्यक्ष चुने जाते थे। यह प्रणाली भूपेश सरकार के कार्यकाल में लागू की गई थी।
आज हुई कैबिनेट की बैठक में इस ऐतिहासिक निर्णय पर अंतिम मुहर लगाई गई। यह बदलाव छत्तीसगढ़ की स्थानीय निकाय व्यवस्था को नया आयाम देगा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और मजबूत करेगा।
सरकार का मानना है कि प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने से जनता के चुने हुए प्रतिनिधि अधिक जिम्मेदार होंगे और जनता के प्रति जवाबदेह भी बनेंगे।
राज्य खाद आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता ज्योति नंद दुबे ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, “लोकतांत्रिक तरीके से मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होना जनता की भागीदारी को सुनिश्चित करता है, जो लोकतंत्र का एक अहम हिस्सा है।”
कांग्रेस वरिष्ठ नेता प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव तनवीर अहमद ने कहा नगरीय निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद पर सीधे चुनाव को लेकर भाजपा की मंशा पहले से ही तय थी।कांग्रेस के शासन काल में सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत में पार्षदों द्वारा कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे।भाजपा बुरी तरह परास्त हुई थी तभी से भाजपा ने सीधे चुनाव का निर्णय ले लिया था।इस निर्णय के पीछे भाजपा को फिर से हारने का भय मुख्य कारण है।इसी लिए भाजपा सरकार चुनाव की तिथि भी अब तक घोषित नहीं कर सकी है।यह निर्णय पार्षदों को अपने पसंद का अध्यक्ष चुनने की आजादी पर कुठाराघात है।
बता दे कि पहले अप्रत्यक्ष प्रणाली के तहत पार्षद मेयर और अध्यक्ष चुनते थे।
अब कैबिनेट की फैसले के बाद जनता सीधे अपने मेयर और अध्यक्ष का चयन करेगी।
इस बदलाव का असर आगामी स्थानीय निकाय चुनावों पर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा और यह फैसला छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।