
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और खनिज साधन विभाग के सचिव पी दयानंद के निर्देशन में छत्तीसगढ़ ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में खनिज राजस्व प्राप्ति में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रदेश में संचालित खनन संक्रियाओं से 14,195 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड खनिज राजस्व प्राप्त हुआ है, जो विगत वर्ष 2023-24 के 12,795 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 11 प्रतिशत अधिक (1400 करोड़ रुपये की वृद्धि) है।
दंतेवाड़ा अव्वल, इन जिलों ने दिया बड़ा योगदान
वित्तीय वर्ष 2024-25 में खनिज राजस्व संग्रहण में जिला दंतेवाड़ा ने सर्वाधिक 6580 करोड़ रुपये का योगदान देकर शीर्ष स्थान प्राप्त किया। इसके अलावा, कोरबा से 2148 करोड़, रायगढ़ से 2027 करोड़, बालोद से 1313 करोड़, सरगुजा से 585 करोड़, बलौदाबाजार से 354 करोड़, कांकेर से 328 करोड़ तथा सूरजपुर से 155 करोड़ रुपये की उल्लेखनीय राजस्व भागीदारी दर्ज की गई।
खनिज संसाधनों में छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय भागीदारी
छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों की दृष्टि से देश में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र में मात्र 4 प्रतिशत हिस्सेदारी होने के बावजूद, राज्य का देश के कुल खनिज उत्पादन मूल्य में 16 प्रतिशत से अधिक योगदान है। यहां मुख्य रूप से लौह अयस्क, कोयला, चूना पत्थर और बाक्साइट के विशाल भंडार हैं, जो खनिज राजस्व के प्रमुख स्रोत हैं। इसके अलावा, राज्य में सामरिक महत्व के खनिजों सहित कुल 28 प्रकार के खनिज भंडार की पुष्टि हुई है।
ई-नीलामी से अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति
वर्ष 2015 से खनिज विभाग द्वारा ई-नीलामी के माध्यम से खदानों का आबंटन किया जा रहा है, जिससे रॉयल्टी के अलावा प्रीमियम के रूप में अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति हो रही है। खनिज राजस्व में हो रही बढ़ोत्तरी में ई-नीलामी के माध्यम से स्वीकृत खदानों का महत्वपूर्ण योगदान है।
खनिज विकास मद से अधोसंरचना को बल
राज्य शासन द्वारा खनिज राजस्व की कुल प्राप्ति का 5 प्रतिशत हिस्सा “खनिज विकास मद” में अंतरित किया जाता है। इससे प्रदेश के दूरस्थ अंचलों में खनिज संसाधनों के विकास और अधोसंरचना निर्माण का कार्य किया जा रहा है। आगामी वर्ष 2025-26 के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये केवल रेल कॉरिडोर निर्माण हेतु प्रावधानित किए गए हैं।
छत्तीसगढ़ में खनन का सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान
प्रदेश की खनन संक्रिया केवल औद्योगिक संस्थानों को कच्चा माल प्रदान करने तक सीमित नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के सामाजिक और आर्थिक विकास का मजबूत स्तंभ बन चुकी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 14,195 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड खनिज राजस्व प्राप्त कर प्रदेश ने एक नई ऊँचाई को स्पर्श किया है। यह उपलब्धि दूरदर्शी नीतियों, पारदर्शी प्रशासन और ईमानदार कार्यसंस्कृति का प्रतिफल है। ई-नीलामी प्रणाली, तकनीकी नवाचार और सुशासन के माध्यम से खनिज क्षेत्र को केवल राजस्व संग्रहण का माध्यम नहीं, बल्कि दूरस्थ अंचलों के लिए विकास के इंजन के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है।