CG News : जनजातीय परिवारों से चर्चा करेंगे PM मोदी, जाने कहा होगा कार्यक्रम
रायपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) परिवारों से संवाद करने के लिए बलरामपुर जिले के राजपुर में एक महत्वपूर्ण आयोजन में शामिल होंगे। पीएम मोदी इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेगे। इस कार्यक्रम की तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी। आयोजन की व्यापक तैयारियों का जिम्मा आदिम जाति मंत्री रामविचार नेताम के नेतृत्व में चल रहा है।
छत्तीसगढ़ राज्य के 18 जिलों में पीवीटीजी परिवारों की बसाहट की स्थिति का आकलन किया जा रहा है और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं। अब तक प्रदेशभर में कुल 662 कैंप लगाए जा चुके हैं, जिनमें 66,540 पीवीटीजी हितग्राहियों ने अपना पंजीयन कराया है।
वर्तमान में, पीवीटीजी परिवारों को आधार कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम जनधन योजना, पीएम मातृ वंदन योजना, राशन कार्ड, जाति प्रमाण-पत्र, और वन अधिकार पट्टा प्रदान किया गया है। दूसरा चरण 10 सितंबर तक जारी रहेगा।
योजनाओं से मिलेंगे ये लाभ
इस योजना के तहत पीवीटीजी परिवारों को पक्का घर, पक्की सड़क, नल से जल, छात्रावासों का निर्माण, मोबाइल मेडिकल यूनिट, और आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषण सेवाओं की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, बहुउद्देशीय केंद्रों का निर्माण, घरों का विद्युतीकरण, वनधन केंद्रों की स्थापना, इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं की उपलब्धता, और कौशल विकास कार्यक्रम भी शामिल हैं।
पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान: एक मील का पत्थर
आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने कहा है कि पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान विशेष पिछड़ी जनजातियों के संपूर्ण विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। राज्य सरकार के अधिकारी और कर्मचारी पीवीटीजी बसाहटों का चिन्हांकन कर रहे हैं और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचा रहे हैं।
पीवीटीजी की बसाहट अक्सर अत्यंत दूरदराज क्षेत्रों में स्थित होती है, जिससे शासन की अधिकांश योजनाओं का लाभ वहां नहीं पहुंच पाता। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए पीवीटीजी के संपूर्ण विकास के लिए यह योजना शुरू की गई है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह कार्यक्रम न केवल पीवीटीजी परिवारों के लिए बल्कि राज्य सरकार के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है, जो जनजातीय समाज के उत्थान की दिशा में एक नई राह खोलेगा।