
नरसिहपुर/झोतेश्वर/परमहंसी। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ASI के सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई तक रोक लगा दी हैं। वही इस फैसले से हिंदू पक्ष नाराज हैं, तो वही अब इस मामले पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने अपनी प्रतिक्रिया दी हैं।
शंकराचार्य महाराज ने कहा कि उन्होंने मुस्लिम बंधु जांच नहीं होने देना चाहते हैं। इसका मतलब साफ है कि मंदिर तोड़कर मस्जित बनाई गई हैं। अब वे लोग घबरा रहें है कि सच सामने आ जाएगा। ज्ञानवापी मामले की जांच होने में हर्ज क्या है ? आखिर जांच को रोकने के लिए इतना बड़ा प्रयास क्यों किया जा रहा है। जांच ही तो हो रही है। मंदिर पवित्र होता है। भगवान विराजमान होते हैं, उनके आभूषण होते हैं भोजन आदि की प्रक्रिया होती है। यह तय होता है कि कहां तक जाना और नहीं जाना चाहिए लेकिन मस्जिद में यह सब नहीं होता। क्योंकि वहां पर सब कुछ साफ सुथरा रहता है। इतनी जल्दी सुप्रीम कोर्ट भागने की क्या जरूरत थीं।
अगर मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनवाया गया हैं तो उन्हे जांच का स्वागत करना था। लेकिन वो तो भाग कर सुप्रीम कोर्ट चले गए। मतलब साफ है कि मदिर तोड़कर मस्जिद बनवाया गया हैं।