
रायपुर। विधानसभा में आज बालको में रोजगार का मुद्दा उठाया। विधायक फूलसिंह राठिया ने भारत एल्युमिनियम लिमिटेड कंपनी वेदांता बालकों में कार्यरत स्थानीय कर्मचारी का मुद्दा उठाया? उन्होंने पूछा कि बालको में कुल कितने कर्मचारी आधिकारिक रूप से कार्यरत है, कितने राज्य के बाहर है? क्या इन्हें प्रशिक्षित किया गया है?
जवाब में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि बालको में कुल1986 कर्मचारी आधिकारिक रूप से कार्यरत हैं, जिसमें कुल 505 मूल निवासियों को रोजगार दिया गया है। वहीं 607 राज्य के बाहर के कर्मचारी हैं। मंत्री ने बताया कि स्थानीय बेरोजगारी को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है… प्रशिक्षितों को रोजगार एवं बेरोजगार भत्ता दिए जाने अलग से योजना चलाई जाती है।
इस पर फूल सिंह राठिया ने कहा कि बालकों में प्रशिक्षण दिया जाता है पर रोजगार कहा से दिया जाता है?
मंत्री ने कहा कि बालको कंपनी द्वारा युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि काम सीखकर रोजगार उपलब्ध हो जाए ऐसा कोई योजना नहीं है, जिसमें उन्हें वहीं रोजगार दिया जाए।
इसी सवाल पर सप्लीमेंट्री सवाल उठाते हुए नेताप्रतिपक्ष चरण दास महंत ने कहा कि बालको वेदांता का 49 प्रतिशत छत्तीगढ सरकार का है। एक औद्योगिक नीति भी इसके लिए बनाई गई है, जिसमें सभी कर्मचारियों के लिए रोजगार प्रतिशत में अनिवार्य रूप से तय किया गया है। उन्होंने मंत्री से जानना चाहा कि स्थानीय युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले, इसके लिए क्या प्रावधान किया जा रहा है?
इस पर मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि बालको वेदांता उनके विधासभा की कम्पनी है इस कंपनी को सरकार अनुदान नहीं देती है। इसलिए इसमें अलग से संशोधन नहीं किया जा सकता?
मंत्री के जवाब पर असहमति जताते हुए चरणदास महंत ने कहा कि ये पूरी तरह से घालमेल हैं। बालको को अनुदान सरकार क्यों देगी? सरकार की अगर 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है, तो उसके बदले कंपनी ने छत्तीसगढ़ को क्या कुछ दिया है। उन्होंने रोजगार के संदर्भ में कंपनी के रूख की जांच की मांग की। जवाब में मंत्री लखन लाल देवांगन ने जांच का आश्वासन दिया।