रायपुर: प्रयागराज के सेक्टर-छह महाकुंभ में स्थित छत्तीसगढ़ पैवेलियन इस समय श्रद्धालुओं का प्रमुख आकर्षण बन गया है। यह पैवेलियन लक्ष्मीद्वार के पास, भारत सरकार के कलाग्राम के सामने स्थित है। इसके भव्य प्रवेश द्वार को छत्तीसगढ़ की पहचान गौर मुकुट के रूप में डिजाइन किया गया है, जो दूर से ही श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।
पैवेलियन के प्रवेश द्वार पर भारत के नियाग्रा के रूप में प्रसिद्ध बस्तर के चित्रकोट जलप्रपात की भव्य तस्वीर प्रदर्शित की गई है। जैसे ही श्रद्धालु पैवेलियन में प्रवेश करते हैं, सबसे पहले छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा देखने को मिलती है। प्रवेश द्वार के दाहिनी तरफ राज्य की प्रमुख चार ईष्ट देवियों— मां महामाया, मां चंद्रहासिनी, मां दंतेश्वरी और मां बम्लेश्वरी की तस्वीरें और उनके बारे में जानकारी दी गई है।
पैवेलियन के भीतर बायीं तरफ छत्तीसगढ़ के जीवंत ग्रामीण परिवेश को दर्शाया गया है। यहां पर परंपरागत ग्रामीण जीवन, आदिवासी कला, संस्कृति, आभूषण, वस्त्रों समेत एक संपूर्ण गांव का चित्रण किया गया है।
बस्तर का ढोकरा शिल्प और राजकीय पशु पक्षी की प्रदर्शनी
प्रदर्शनी में प्रवेश करने से पहले बस्तर के प्रसिद्ध ढोकरा शिल्प और राज्य के राजकीय पशु-पक्षी का दृश्य भी प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार की प्रमुख योजनाओं— “मोर आवास मोर अधिकार” और “3100 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदी योजना” की जानकारी भी दी जा रही है।
छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक विरासत को दर्शाने के लिए सिरपुर और जैतखाम की प्रतिकृतियां भी बनाई गई हैं, जो राज्य के सांस्कृतिक धरोहर को श्रद्धालुओं तक पहुंचाती हैं।
वर्चुअल रियेलिटी से साझा की जा रही योजनाओं की जानकारी
पैवेलियन में स्थानीय लोगों और देशभर से आए श्रद्धालुओं के लिए वर्चुअल रियेलिटी हेडसेट और डोम के भीतर 180 डिग्री वीडियो के माध्यम से राज्य की योजनाओं और छत्तीसगढ़ के बारे में जानकारी दी जा रही है, ताकि अधिक से अधिक लोग राज्य के बारे में जान सकें और इस अद्भुत प्रदर्शनी का लाभ उठा सकें।
यह छत्तीसगढ़ पैवेलियन महाकुंभ में एक महत्वपूर्ण स्थल बन चुका है, जहां श्रद्धालु न केवल राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को देख रहे हैं, बल्कि छत्तीसगढ़ की योजनाओं और विकास कार्यों से भी रूबरू हो रहे हैं।