
रायपुर. छत्तीसगढ़ी भाषा की लड़ाई अब शादी पंडाल तक पहुंच गई है। बेलपान बिलासपुर से साहू परिवार का बारात मोपका बिलासपुर आया था। वही मरावी परिवार का बारात हरदी बिल्हा से सिरगिट्टी बिलासपुर आया था, दोनों जगहों पर वर वधु द्वारा छत्तीसगढ़ी भाषा का पोस्टर लहराकर बाराती, घराती को मातृभाषा के प्रति जागरूक किया साथ ही से मांग किया की छत्तीसगढ़ी को पढ़ाई लिखाई का माध्यम और आठवी अनुसूची में शामिल करने के लिए गंभीर प्रयास करे। इस अनूठे प्रदर्शन का चारो तरफ चर्चा हो रही है । छत्तीसगढ़ी भाषा के लिए काम कर रहे क्रांति सेना, एम ए छत्तीसगढ़ी, मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी समेत विभिन्न संगठन के दर्जन भर युवा ने दोनों जोड़ो मंच पर पोस्टर लहराने की बात रखी जिसे वर वधु के सहर्ष सहमति के बाद तख्ती के साथ लहराया गया।
इस अवसर पर भाषा के लिए संघर्षरत ठा शैलु छत्तीसगढ़िया, अनिल पाली, महावीर निषाद, प्रदीप साहु, संदीप साहू, राजकुमार , मालती, रविन्द्र, उमेश समेत दोनों शादी के हजारों बाराती घराती उपस्थित रहें और सभी ने एक स्वर में छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास में योगदान देने के बात कही।