
मनेन्द्रगढ़। घुटरा इलाके में धुनेटी नदी के किनारे चल रहे कोयले के अवैध उत्खनन ने दो ग्रामीणों की जान ले ली। मिट्टी धसकने से हुए इस हादसे में इंद्रपाल और राजेश नामक ग्रामीणों की दबकर मौत हो गई। दोनों घुटरा के अगरियापारा के रहने वाले थे और 25 मार्च की शाम टिफिन लेकर घर से निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। बताया जा रहा है कि गांव का ही मनीष राय इन्हें अपने साथ लेकर गया था।
30 मार्च की सुबह दोनों के शव अवैध कोयला खदान में पाए गए। सूचना पर सिटी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और जेसीबी की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। इस दौरान एडिशनल एसपी, तहसीलदार और खनिज अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। शवों को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, लेकिन तब तक वे बुरी तरह सड़ चुके थे।
कोयले के अवैध कारोबार पर प्रशासन क्यों है मौन?
घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश है। बताया जा रहा है कि इस इलाके में लंबे समय से कोयले का अवैध उत्खनन हो रहा है। जनप्रतिनिधियों ने कई बार प्रशासन को इसकी जानकारी दी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस अवैध कोयले को आसपास के ईंट भट्टों में बेचा जाता है, जिससे अवैध कारोबारियों को मुनाफा हो रहा है, लेकिन गरीब ग्रामीणों की जान खतरे में पड़ रही है।
पुलिस ने शवों का पंचनामा कर आगे की जांच शुरू कर दी है, लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक प्रशासन इस अवैध खनन को नजरअंदाज करेगा? क्या इस घटना के बाद कोई सख्त कार्रवाई होगी, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह दबकर रह जाएगा?