बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक सरकारी मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि प्रधान पाठक ने एक छात्रा को पानी पीने की अनुमति मांगने पर पेशाब पीने की बात कही। यह घटना जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के फुली डूमर गांव स्थित सरकारी मिडिल स्कूल की है।
जानकारी के अनुसार, छात्रा ने प्रधान पाठक से क्लास से बाहर जाकर पानी पीने की अनुमति मांगी। इस पर प्रधान पाठक ने न केवल छात्रा की गुजारिश को नजरअंदाज किया, बल्कि उसे अपमानजनक तरीके से पेशाब पीने की बात कह डाली। छात्रा ने इस अपमानजनक व्यवहार की शिकायत अपने परिजनों और स्कूल अधिकारियों से की, जिसने एक गंभीर विवाद को जन्म दिया।
शिकायत के बाद, जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधान पाठक को तत्काल निलंबित कर दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और शिक्षा के माहौल को सुरक्षित और सम्मानजनक बनाना उनकी प्राथमिकता है।
वहीं, प्रधान पाठक के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है और उनकी सेवा के दौरान किए गए व्यवहार की पूरी जांच की जाएगी। इस मामले की जांच से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसे असंवेदनशील और अपमानजनक व्यवहार को भविष्य में रोका जा सके।
यह घटना शिक्षा प्रणाली में व्याप्त असंवेदनशीलता और अधिकारों के उल्लंघन की गंभीरता को उजागर करती है। छात्राओं और शिक्षकों के बीच संबंधों को सुधारने के लिए स्कूलों और शिक्षा विभागों को कड़ी निगरानी और सही दिशा-निर्देशों की आवश्यकता है। इस घटना ने समाज में शिक्षा के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता की जरूरत को एक बार फिर से रेखांकित किया है।
इस मामले को लेकर लोगों में गहरा आक्रोश है और वे प्रधान पाठक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। स्थानीय समाज और छात्राओं ने इस मुद्दे को लेकर अपनी चिंता और नाराजगी व्यक्त की है।