
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल बिलासपुर जिले के ग्राम मोहभट्ठा में आयोजित आमसभा एवं विकास कार्यों के लोकार्पण-शिलान्यास समारोह के दौरान हितग्राहियों से संवाद किया। इस दौरान जब उन्होंने दल्लु राम बैगा से बातचीत की, तो मंच पर एक भावुक क्षण देखने को मिला।
प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्कराते हुए पूछा –
“पक्का मकान बन गया है?”
दल्लु राम ने हाथ जोड़कर जवाब दिया –
“हां, बन गया है।”
प्रधानमंत्री ने स्नेहपूर्वक पूछा –
“अच्छा लग रहा है की नहीं?”
भावुक दल्लु राम बोले –
“अच्छा लग रहा है।”
प्रधानमंत्री ने फिर पूछा –
“बाकी सब ठीक है?”
दल्लु राम ने आत्मविश्वास से कहा –
“ठीक है।”
यह संवाद सिर्फ प्रश्न-उत्तर नहीं था, बल्कि विश्वास, संवेदना और साझेदारी का एक सुंदर चित्रण था।
3 लाख परिवारों को मिले पक्के मकान
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ के तीन लाख गरीब परिवारों को उनके सपनों का आशियाना सौंपा। इनमें दूरस्थ वनांचलों के आदिवासी और वंचित परिवार भी शामिल हैं, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान पाकर बेहद खुश हैं।
खुशियों की चाबी सौंपते पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने मंच से बीजापुर, कबीरधाम और जशपुर जिले के तीन आदिवासी परिवारों को खुद अपने हाथों से उनके नए घरों की चाबी सौंपी।
बीजापुर जिले की सोमारी पुनेम
कबीरधाम जिले के दल्लु राम बैगा
जशपुर जिले के पहाड़ी कोरवा जगतपाल राम
जब इन लाभार्थियों को नए पक्के घर की चाबी मिली, तो उनके चेहरे पर एक नई रोशनी और आत्मविश्वास झलक रहा था।
दल्लु राम बैगा की बदली जिंदगी
विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के दल्लु राम कभी कच्ची मिट्टी और खपरैल के घर में डर और असुरक्षा के बीच रहते थे। बरसात में छत से टपकता पानी, कमजोर दीवारें और जहरीले जीव-जंतु उनके जीवन का हिस्सा थे।
अब प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत उन्हें 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और 95 दिन की मनरेगा मजदूरी के रूप में 23 हजार रुपए मिले। साथ ही रसोई गैस, शौचालय और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गईं। आज दल्लु राम का परिवार सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी रहा है।
जगतपाल राम को मिली सुरक्षित छत
जशपुर जिले के पहाड़ी कोरवा समुदाय के जगतपाल राम पहले टूटे-फूटे झोपड़े में रहते थे, जहां बारिश में छत टपकती थी और हर साल झोपड़ी की मरम्मत करनी पड़ती थी। अब उन्हें प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महा अभियान के तहत पक्का घर मिला है। उनके चेहरे की मुस्कान इस बदलाव की गवाही देती है।
सोमारी पुनेम की आंखों में उम्मीद
बीजापुर जिले की सोमारी पुनेम के लिए यह योजना उम्मीद की रोशनी बनकर आई। पति के निधन के बाद वह छोटे से झोपड़े में संघर्ष कर रही थीं। योजना के तहत उन्हें न केवल घर, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता भी मिली। अब वे कहती हैं –
“अब बारिश की बूंदें डर नहीं, राहत देती हैं… और रातें भी सुकूनभरी लगती हैं।”
आवास योजना से बदली हजारों जिंदगियां
प्रधानमंत्री मोदी की इस योजना ने हजारों गरीब और वंचित परिवारों को सपनों का घर और भरोसे की नींव दी है। अब ये परिवार सम्मान और आत्मविश्वास के साथ अपने नए जीवन की शुरुआत कर रहे हैं।